
उदित वाणी, रांची : प्रदेश कांग्रेस द्वारा सरना धर्म कोड की मांग को लेकर राजभवन के समीप एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न जिलों से काफी संख्या में कांग्रेस के कार्यकर्ता आदिवासी के पारंपरिक वेशभूषा में कांग्रेस भवन से जुलूस के शक्ल में राजभवन पहुंचे. धरना कार्यक्रम का नेतृत्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने किया एवं मुख्य अतिथि के रूप में पार्टी के झारखंड प्रभारी के राजू व सह प्रभारी डा सिरिवेल्ला प्रसाद एवं प्रणव झा उपस्थित थे. धरना-प्रदर्शन के बाद सरना धर्म कोड लागू करने के संबंध में पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मिलकर ज्ञापन भी सौंपा गया.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए झारखंड प्रभारी के राजू ने कहा कि सरना धर्मकोड आदिवासी समुदाय का मौलिक हक है. इसको सुरक्षित रखने की जिम्मेवारी कांग्रेस पार्टी की है. कांग्रेस द्वारा लगातार यह मांग किया जा रहा है. अब हम सड़कों पर भी उतरे हैं और इसे लेकर बहुत जल्द दिल्ली के जंतर-मंतर में भी धरना आयोजित की जाएगी और राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी से मिलकर इसे लागू कराने को लेकर आग्रह किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार कांग्रेस ने तीन काले कृषि कानून को निरस्त कराया और जातीय जनगणना कैबिनेट से पास कराया. उसी तरह सरना धर्म कोड भी जनगणना के सातवें कॉलम में उल्लेख कराया जायेगा.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि केन्द्र सरकार आदिवासियों के हक और अधिकार का हनन कर रही है. केन्द्र सरकार एक षड़यंत्र के तहत आदिवासियों के धार्मिक अस्तित्व को मिटाने का प्रयास कर रही है. केन्द्र धार्मिक आधार पर उनको पहचान नहीं देना चाहती है. सरना धर्म कोड का प्रस्ताव हमने विधानसभा से पारित किया और केन्द्र को भेजा. लेकिन केन्द्र की सरकार सिर्फ आदिवासियों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करना चाहती है.
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