उदित वाणी, रांची : प्रदेश भाजपा ने हेमंत सरकार के कैबिनेट द्वारा पारित शिक्षक नियुक्ति नियमावली व नई उत्पाद नीति पर सवाल उठाया है. प्रदेश भाजपा प्रवक्ता अजय साह ने सवाल उठाते हुए कहा कि बिना किसी स्पष्ट स्थानीय नीति के आखिर किस आधार पर शिक्षक नियुक्ति नियमावली बनाई गई. उन्होंने कहा कि सरकार साढ़े पांच साल में एक स्पष्ट स्थानीय नीति बना सकी. लेकिन यह सरकार स्थानीयता के नाम पर राजनीति चमकाने का कोई मौका नहीं छोड़ती. खतियान आधारित नियोजन नीति झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए सिर्फ एक राजनीतिक स्टंट बनकर रह गया है. उन्होंने मांग की है कि राज्य सरकार जनता को यह स्पष्ट करे कि जिन शिक्षकों की नियुक्ति होगी. वह किस नियामक ढांचे के अंतर्गत होगी.
वहीं नई शराब नीति पर भी सवाल खड़े करते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि यह नीति एक और घोटाले की जमीन तैयार कर रही है. उन्होंने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सह नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी के पुराने सुझाव की याद दिलाते हुए कहा कि सरकार चाहती तो इस नीति को महिला सशक्तिकरण का माध्यम बना सकती थी. बाबूलाल मरांडी ने सुझाव दिया था कि जिस प्रकार गैस एजेंसी और पेट्रोल पंप के लाइसेंस स्थानीय महिलाओं को दिए जाते हैं. उसी तर्ज पर शराब दुकानों का संचालन भी महिलाओं को सौंपा जा सकता है. बिशेष रूप से वे महिलाएं जो देशी शराब या हड़िया बेच कर सामाजिक शोषण की शिकार होती हैं. उन्हें ट्रेनिंग देकर इस सिस्टम में जोड़ा जाना चाहिए था. लेकिन हेमंत सरकार के लिए शराब सिर्फ राजस्व उगाही और कमाई का साधन है, न कि सामाजिक सुधार का माध्यम.
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