उदित वाणी, रांची: भाजपा विधायक कुशवाहा शशिभूषण मेहता ने स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो के समक्ष शून्यकाल के लिए लिखा अपना कागज चिल्लाते हुए फाड़कर सदन के अंदर उछाल दिया और स्पीकर पर पक्षपात करने का आरोप लगाया. मेहता के इस व्यवहार से स्पीकर ने आहत होकर कहा कि आपका आचरण अच्छा नहीं है. विधायक के इस रवैये के बाद सदन में पक्ष और विपक्ष के बीच भी खूब कहासुनी हुई. वहीं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि वक्तव्य में थोड़ी गलती हुई है. वहीं संसदीय कार्यमंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि शून्यकाल में 50 शब्द ही पढ़े जाने का नियम है.
दरअसल भाजपा विधायक मेहता शून्यकाल के लिए लिखा गया अपने क्षेत्र की समस्या पढ़ रहे थे. उन्होंने अपना पेपर 50 शब्दों से ज्यादा लिखकर लाये थे. स्पीकर ने टोकाटाकी की और कहा कि समय का अभाव है. आपका शून्यकाल पढ़ा हुआ मान लिया जाय. इसी टिप्पणी पर मेहता भड़क गए और अपना आपा खो बैठे और कहा कि जब पढ़ने के लिए वक्त ही नहीं दिया जायेगा, तो 12 बजे रात में ही आकर क्यों शून्यकाल का पेपर जमा करायें.
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