उदित वाणी, नई दिल्ली : प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना (पीएमआईएस) का उद्देश्य आने वाले पांच वर्षों में शीर्ष 500 कंपनियों में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करना है. इस योजना का प्रमुख उद्देश्य युवाओं की रोजगार क्षमता को बढ़ाना है और उन्हें उद्योग के वास्तविक माहौल में प्रशिक्षण, अनुभव और कौशल प्राप्त करने का अवसर देना है.
पायलट परियोजना का शुभारंभ
वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए इस योजना के तहत 1.25 लाख इंटर्नशिप अवसर प्रदान करने के लिए पायलट परियोजना की शुरुआत की गई है. यह परियोजना 03 अक्टूबर 2024 को शुरू हुई, और इसके माध्यम से युवाओं को अपने अकादमिक ज्ञान को व्यावसायिक अनुभव में बदलने का अवसर मिलेगा.
भागीदार कंपनियों की पहचान
इस योजना के तहत, मंत्रालय ने पिछले तीन वर्षों के औसत सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) व्यय के आधार पर शीर्ष 500 कंपनियों की पहचान की है. इन कंपनियों में शामिल होने के साथ-साथ अन्य कोई भी कंपनी, बैंक, या वित्तीय संस्थान भी इस योजना में भाग ले सकता है, बशर्ते उन्हें कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) से अनुमति प्राप्त हो.
ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी
यह योजना ऑनलाइन पोर्टल (https://pminternship.mca.gov.in) के माध्यम से लागू की जा रही है. अब तक, कंपनियों ने 1.27 लाख इंटर्नशिप अवसर पोस्ट किए हैं और लगभग 6.21 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं. चयन प्रक्रिया अभी भी जारी है.
युवाओं की रोजगार क्षमता में वृद्धि
प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना का मुख्य उद्देश्य युवाओं को वास्तविक जीवन के कार्य वातावरण में अनुभव और कौशल प्रदान करना है. यह योजना छात्रों को उनके शैक्षिक पाठ्यक्रम और उद्योग की जरूरतों के बीच की खाई को पाटने का अवसर देती है, जिससे उनकी रोजगार क्षमता में वृद्धि होती है.
अगले पांच वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को मिलेगा मौका
इस योजना के तहत, आने वाले पांच वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान किए जाएंगे. यह उन्हें अपने करियर में सफलता पाने के लिए आवश्यक अनुभव और कौशल हासिल करने में मदद करेगा.
यह जानकारी आज राज्य सभा में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के राज्य मंत्री श्री हर्ष मल्होत्रा ने एक लिखित उत्तर में दी.
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