उदित वाणी, जमशेदपुर: भारत, जो हमेशा से प्राचीन ज्ञान और समृद्ध परंपराओं का गहना रहा है, आज नवाचार और खोज के क्षेत्र में एक नया अध्याय जोड़ने की ओर बढ़ रहा है. गणित, खगोल विज्ञान और विज्ञान के अन्य क्षेत्रों में ऐतिहासिक योगदान के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2022 को लाल किले की प्राचीर से अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) की महत्वता पर जोर दिया था. उनके शब्दों में, “जय अनुसंधान” ने देश को विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में एक नई दिशा दिखाने का आह्वान किया. केंद्र सरकार ने 1 जनवरी से ‘वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन (ONOS)’ योजना की शुरुआत की है.
क्या है One Nation One Subscription
यह विवरण एक नई योजना “ONOS” (One Nation One Subscription) के बारे में है, जिसके तहत छात्रों और शोधकर्ताओं को एक डिजिटल पोर्टल के माध्यम से 30 से ज्यादा प्रमुख अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स तक आसानी से पहुंच प्राप्त होगी. इसका संचालन INFLIBNET (सूचना और पुस्तकालय नेटवर्क) करेगा, जो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अधीन कार्यरत एक संस्था है.
ONOS योजना को लेकर 6,000 करोड़ रुपए का बजट तीन साल की अवधि के लिए आवंटित किया गया है, और इसे दो चरणों में लागू किया जाएगा. पहले चरण में साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मेडिकल, गणित, प्रबंधन और मानविकी क्षेत्रों पर आधारित 13,400 से अधिक जर्नल्स छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे. इस योजना का उद्देश्य शोध को बढ़ावा देना और ज्ञान के प्रसार में मदद करना है, ताकि भारतीय शोधकर्ता और विद्यार्थी उच्च गुणवत्ता वाले अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रों तक पहुंच सकें.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति और अनुसंधान का महत्त्व
प्रधानमंत्री का यह आह्वान राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के उद्देश्यों के अनुरूप है, जो अनुसंधान को शैक्षिक उत्कृष्टता और राष्ट्रीय प्रगति का आधार मानता है. इस नीति का उद्देश्य एक मजबूत अनुसंधान संस्कृति का निर्माण करना है, जो न केवल शैक्षिक गुणवत्ता को बढ़ाए, बल्कि भारत के वैश्विक विकास को भी गति दे.
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना का शुभारंभ
भारत के शिक्षा और अनुसंधान क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 25 नवंबर 2024 को वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना को मंजूरी दी. यह योजना सरकार के उच्च शिक्षा संस्थानों और अनुसंधान केंद्रों के छात्रों, शिक्षकों, शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों को अंतरराष्ट्रीय विद्वानों की पत्रिकाओं तक पहुँच प्रदान करेगी. इस पहल का उद्देश्य शैक्षिक और अनुसंधान समुदाय को सर्वोत्तम वैश्विक संसाधनों से लैस करना है, ताकि भारत नवाचार में अग्रणी बन सके.
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना का लक्ष्य
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना का उद्देश्य लगभग 1.8 करोड़ छात्रों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर के 13,000 से अधिक विद्वतापूर्ण पत्रिकाओं तक पहुंच प्रदान करना है. इस योजना के तहत, देशभर में 6,300 सरकारी उच्च शिक्षा संस्थान और अनुसंधान केंद्र कवर किए जाएंगे. यह योजना विशेष रूप से टियर 2 और टियर 3 शहरों के संस्थानों को समावेशी अनुसंधान तक पहुंच उपलब्ध कराएगी, जिससे ज्ञान का समान प्रसार सुनिश्चित होगा.
मुख्य उद्देश्य और लक्ष्य
यह योजना छात्रों, शोधकर्ताओं और शिक्षकों को उच्च गुणवत्ता वाले शोध प्रकाशनों तक पहुंच प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई है. इसका उद्देश्य भारतीय शोधकर्ताओं को वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बनाने में मदद करना है. इसके साथ ही, यह योजना भारत के अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान समुदाय के साथ साझेदारी को मजबूत करने में भी सहायक होगी.
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना के लाभ
* 30 प्रमुख अंतरराष्ट्रीय प्रकाशकों की 13,000 से अधिक विद्वत्तापूर्ण पत्रिकाओं तक पहुंच.
* विभिन्न विषयों जैसे विज्ञान, प्रौद्योगिकी, चिकित्सा, सामाजिक विज्ञान और वित्त आदि के 1.8 करोड़ छात्रों और शोधकर्ताओं को लाभ.
* टियर 2 और टियर 3 शहरों के संस्थानों के लिए समावेशी अनुसंधान तक पहुंच.
सरकारी आवंटन और वित्तीय रणनीति
इस योजना के लिए सरकार ने ₹6,000 करोड़ का आवंटन किया है, जो 2025, 2026 और 2027 के तीन वर्षों में विभिन्न संस्थानों के सदस्यता शुल्क को कवर करेगा. इसके अतिरिक्त, अनुसंधान लेखकों को ओपन एक्सेस पत्रिकाओं में प्रकाशन के लिए ₹150 करोड़ की वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाएगी.
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन की कार्यप्रणाली
इस योजना का कार्यान्वयन इनफ्लिबनेट (सूचना और पुस्तकालय नेटवर्क) द्वारा किया जाएगा, जो सभी सदस्य संस्थानों को डिजिटल माध्यम से पत्रिकाओं तक पहुंच प्रदान करेगा. योजना के पहले चरण में, देश भर के 6,300 सरकारी संस्थानों को 13,000 से अधिक पत्रिकाओं तक पहुंच प्राप्त होगी, जिससे भारतीय शोधकर्ताओं के लिए उच्च गुणवत्ता वाले शोध पत्र प्रकाशित करने का अवसर मिलेगा.
आगे की योजनाएं और संवर्द्धन
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना भारत के राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एएनआरएफ) की पहलों को समर्थन प्रदान करेगी. इसके साथ ही, शोधकर्ताओं को कम आर्टिकल प्रोसेसिंग चार्ज पर उच्च गुणवत्ता वाले प्रकाशनों में अपने लेख प्रकाशित करने का मौका मिलेगा.
निष्कर्ष
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन पहल भारत के शैक्षिक और अनुसंधान क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. इससे न केवल देश में ज्ञान का प्रसार होगा, बल्कि यह भारत को वैश्विक अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा
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