उदित वाणी, नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज एक नया ऑनलाइन सिस्टम ‘भारतपोल’ शुरू किया है, जो केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा विकसित किया गया है. इस पोर्टल के जरिए, भारत सरकार विदेशों में छिपे वॉन्टेड अपराधियों की धरपकड़ के लिए दूसरे देशों की पुलिस से मदद मांग सकेगी. यह सिस्टम इंटरपोल को सूचना भेजने और मदद प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाएगा.
भारतपोल का महत्व
अमित शाह ने भारतपोल पोर्टल का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह भारत की अंतरराष्ट्रीय जांच प्रणालियों को एक नए दौर में प्रवेश कराएगा. इस सिस्टम के माध्यम से, अब देश के सभी राज्य पुलिस बल, सीबीआई, एनआईए, ईडी और अन्य जांच एजेंसियां इंटरपोल से सीधे जुड़ सकेंगी. इससे अपराधों के नियंत्रण में तेजी आएगी और अंतरराष्ट्रीय सहयोग में भी वृद्धि होगी.
भारतपोल पर गृह मंत्री का बयान
अमित शाह ने कहा कि पहले केवल सीबीआई ही इंटरपोल से संपर्क कर दूसरे देशों की पुलिस से मदद ले सकती थी, लेकिन अब भारतपोल के माध्यम से सभी राज्य पुलिस और अन्य एजेंसियां भी इस नेटवर्क का हिस्सा बन सकेंगी. इससे अपराधों पर काबू पाने में बड़ी मदद मिलेगी और जांच एजेंसियां बिना किसी रुकावट के अन्य देशों से सहयोग प्राप्त कर सकेंगी.
भारतपोल कैसे काम करेगा?
पहले यदि किसी भारतीय राज्य की पुलिस को विदेश में छिपे किसी अपराधी को भारत लाना होता था, तो उन्हें सीबीआई से संपर्क करना पड़ता था. यह संपर्क आमतौर पर ईमेल या पारंपरिक पत्राचार के जरिए किया जाता था, जिसमें सूचनाओं के लीक होने का जोखिम भी था. लेकिन अब भारतपोल के आने से इस प्रक्रिया में क्रांति आएगी. अब राज्य पुलिस और अन्य जांच एजेंसियां सीधे इस पोर्टल से जुड़ सकेंगी, जिससे उन्हें सीबीआई के माध्यम से जाने की आवश्यकता नहीं होगी.
वॉन्टेड अपराधियों के खिलाफ मजबूत कदम
भारतपोल के माध्यम से अब राज्य पुलिस और केंद्रीय जांच एजेंसियां विदेशों में छिपे अपराधियों को पकड़ने के लिए सीधे संपर्क कर सकेंगी. इस सिस्टम का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि अब वॉन्टेड अपराधी, जो विदेशों में छिपे होते हैं, उनकी गिरफ्तारी में तेजी आएगी. ये अपराधी अक्सर आतंकवाद या अन्य गंभीर अपराधों में शामिल होते हैं और देश छोड़कर विदेशों में भाग जाते हैं. अब भारतपोल के जरिए उन्हें पकड़ने में आसानी होगी.
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