उदित वाणी, नई दिल्ली: जोमैटो फूड डिलीवरी व्यवसाय के मुख्य परिचालन अधिकारी (COO) रिंशुल चंद्रा ने 5 अप्रैल को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. कंपनी ने उनके इस्तीफे की पुष्टि करते हुए बताया कि चंद्रा अब अपने नए जुनून और अवसरों को अपनाने के लिए यह कदम उठा रहे हैं. जोमैटो के संस्थापक और सीईओ दीपिंदर गोयल को भेजे गए अपने पत्र में रिंशुल ने लिखा, “मैं 7 अप्रैल 2025 से प्रभावी रूप से इटरनल लिमिटेड में फूड ऑर्डरिंग और डिलीवरी व्यवसाय के सीओओ पद से इस्तीफा दे रहा हूं. मेरा यह निर्णय मेरे विकसित होते व्यक्तिगत और पेशेवर लक्ष्यों से जुड़ा है.”
600 कर्मचारियों की विदाई
कंपनी में यह बदलाव यहीं नहीं रुका. हाल ही में जोमैटो ने अपने ‘एसोसिएट एक्सेलरेटर प्रोग्राम’ के तहत भर्ती किए गए लगभग 600 कस्टमर सपोर्ट कर्मचारियों को कार्यमुक्त कर दिया. यह सभी कर्मचारी एक वर्ष के भीतर ही जोमैटो से जुड़े थे.
जोमैटो अब अपने कस्टमर सपोर्ट सिस्टम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को प्रमुखता दे रही है. यह छंटनी गुरुग्राम और हैदराबाद कार्यालयों के कर्मचारियों को सबसे अधिक प्रभावित कर गई.
‘इटरनल लिमिटेड’ नाम के पीछे की रणनीति
बीते महीने जोमैटो ने अपनी मूल कंपनी का नाम बदलकर ‘इटरनल लिमिटेड’ रख दिया था. इस बदलाव के साथ कंपनी ने अपने व्यवसाय को चार मुख्य वर्टिकल में पुनर्गठित किया:
फूड डिलीवरी यूनिट: जोमैटो
क्विक कॉमर्स सेक्टर: ब्लिंकिट
गोइंग आउट सेगमेंट: डिस्ट्रिक्ट
बी2बी किराना आपूर्ति: हाइपरप्योर
इस संगठनात्मक पुनर्गठन का उद्देश्य विभिन्न व्यावसायिक धाराओं को एक छतरी के नीचे लाकर, उन्हें स्वतंत्रता और नवाचार की दिशा में आगे बढ़ाना है.
पुनः ब्रांडिंग का दूसरा अध्याय
जोमैटो की कहानी ब्रांडिंग के स्तर पर भी दिलचस्प रही है. 2008 में इसकी शुरुआत ‘फूडीबे’ नाम से हुई थी. दो वर्ष बाद, 2010 में इसका नाम बदलकर ‘जोमैटो’ रखा गया. 2022 में ग्रोफर्स के अधिग्रहण के बाद, आंतरिक रूप से इसे ‘इटरनल’ नाम से पहचाना जाने लगा. अब आधिकारिक रूप से यह नाम अपनाया जा चुका है.
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