नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सभी प्रकार के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष आयात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है. यह प्रतिबंध वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना के माध्यम से लागू किया गया.
अब न होगा कोई व्यापारिक आदान-प्रदान
अधिसूचना के अनुसार, पाकिस्तान में उत्पन्न या वहां से निर्यात की गई सभी वस्तुओं का आयात और पारगमन पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा. इसमें किसी भी प्रकार की छूट केवल भारत सरकार की पूर्व स्वीकृति से ही दी जा सकेगी. मंत्रालय ने यह कदम ‘राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक नीति के हित’ में उठाया है.
विदेश व्यापार नीति में शामिल किया गया नया प्रावधान
2 मई को जारी अधिसूचना में विदेश व्यापार नीति 2023 में एक नया प्रावधान जोड़ा गया है, जिसके तहत पाकिस्तान से या उसके माध्यम से आने वाले सभी सामानों के व्यापार पर रोक लगाई गई है.
पहले ही गिर चुका है पाकिस्तान को भारत का निर्यात
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 के बीच भारत का पाकिस्तान को निर्यात 56.91 प्रतिशत घटकर 491 मिलियन डॉलर पर पहुंच गया. इस दौरान पाकिस्तान से कोई भी आयात नहीं हुआ. वर्तमान वित्त वर्ष में भारत से पाकिस्तान को प्रमुख रूप से ड्रग फॉर्मूलेशन, चीनी, थोक दवाएं, रसायन और ऑटो कलपुर्जे निर्यात किए गए थे.
कूटनीतिक मोर्चे पर भी भारत आक्रामक
सिर्फ व्यापार ही नहीं, भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक स्तर पर भी कई कठोर कदम उठाए हैं. इनमें अटारी-वाघा सीमा से व्यापार बंद करना, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीज़ा सेवाओं को तत्काल निलंबित करना और सिंधु जल संधि को रोकने जैसे निर्णय शामिल हैं.साथ ही, भारत ने बहुपक्षीय एजेंसियों से पाकिस्तान को मिलने वाली आर्थिक सहायता और ऋण की समीक्षा की मांग करने की योजना बनाई है. इनमें IMF, विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक जैसे संस्थान शामिल हैं.
FATF में फिर ‘ग्रे लिस्ट’ की तैयारी?
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, भारत जल्द ही FATF से पाकिस्तान को पुनः ‘ग्रे लिस्ट’ में डालने की मांग कर सकता है. यह कदम पाकिस्तान की आर्थिक गतिविधियों और अंतरराष्ट्रीय कर्ज तक पहुंच को सीमित करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है.
आतंकी हमले के बाद तेजी से बदला घटनाक्रम
बता दें कि 22 अप्रैल को आतंकियों ने पहलगाम की प्रसिद्ध बैसरन घाटी में पर्यटकों पर हमला किया था. इस हमले में 26 लोग मारे गए और कई घायल हुए. आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े टीआरएफ ने इस वारदात की जिम्मेदारी ली थी.
इसके बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ एक के बाद एक कई कठोर निर्णय लिए, जिससे दोनों देशों के बीच संबंध अभूतपूर्व तनाव की स्थिति में पहुंच चुके हैं.
(IANS)
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