नई दिल्ली: गर्मी की शुरुआत के साथ ही यात्रियों को ट्रेनों में जल संकट का सामना न करना पड़े, इसके लिए भारतीय रेलवे ने तैयारियां तेज कर दी हैं.लंबी दूरी की ट्रेनों में पानी की आपूर्ति नियमित रहे, इसके लिए रेलवे ने निगरानी टीमें गठित करने और राज्य सरकारों व जिला प्रशासन से समन्वय स्थापित करने की सिफारिश की है. पूर्वी रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीप्तिमय दत्ता के अनुसार, रेलवे ऐसे गैर सरकारी संगठनों की सहायता लेगा, जो यात्रियों को सफर के दौरान स्वच्छ और पर्याप्त जल उपलब्ध कराने में सहयोग कर सकें.
रेल मार्ग में आने वाले प्रमुख स्टेशनों पर एनजीओ के साथ मिलकर पानी की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने की पहल की जा रही है.
हर स्टेशन पर पानी की गारंटी
दक्षिण मध्य रेलवे के महाप्रबंधक अरुण कुमार जैन ने सभी डिवीजनों को यह निर्देश दिया है कि कोई भी ट्रेन वाटरिंग स्टेशन से बिना पानी के न गुजरे.उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट रूप से कहा है कि गर्मी के मौसम में कोचों में जल आपूर्ति सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए.
भारतीय रेलवे ने जलापूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कर्मचारियों की विशेष टीमें बनाने, पंपिंग सिस्टम और पाइपलाइनों की जांच, तथा जल स्रोतों की उपलब्धता की अग्रिम समीक्षा करने का निर्देश भी दिया है. जल संकट की किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए रेलवे की रणनीति पहले से तैयार रहेगी.
स्टेशनों पर वाटर कूलर की व्यवस्था
रेलवे केवल ट्रेनों में ही नहीं, बल्कि स्टेशनों पर भी गर्मी में यात्रियों के लिए पानी की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के प्रयास कर रहा है.
उत्तर रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, सभी बड़े स्टेशनों पर वाटर कूलर और ठंडे पानी की व्यवस्था की जा रही है.
सुरक्षा भी बनी प्राथमिकता
गर्मी के मौसम में अग्नि सुरक्षा भी रेलवे की प्राथमिकताओं में शामिल है.
ट्रेनों और रेलवे परिसरों में आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए अग्नि सुरक्षा ऑडिट, फायर उपकरणों की जांच और सभी दिशा-निर्देशों के पालन का निर्देश दिया गया है.
रेलवे संपत्तियों और यात्रियों की सुरक्षा को लेकर अधिकारियों को सतर्क रहने और सभी उपायों को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं.
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