उदित वाणी, नई दिल्ली: 25 जनवरी को पूरे देश में 15वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस (NVD) धूमधाम से मनाया जाएगा. यह आयोजन लोकतंत्र की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक, 2024 के लोकसभा चुनावों के सफल आयोजन के बाद हो रहा है. इस वर्ष, चुनाव आयोग राष्ट्र के प्रति अपनी सेवाओं के 75 वर्षों की सफलता का उत्सव भी मना रहा है.
100 करोड़ मतदाताओं का महत्वपूर्ण क्षण
इस वर्ष का राष्ट्रीय मतदाता दिवस खास महत्व रखता है क्योंकि भारत के कुल मतदाताओं की संख्या 100 करोड़ के करीब पहुंच रही है. वर्तमान चुनावी डेटाबेस में 99.1 करोड़ मतदाता हैं और यह संख्या लगातार बढ़ रही है.
मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि
राष्ट्रीय समारोह में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगी. केंद्रीय विधि और न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शामिल होंगे. इस आयोजन में मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त भी भाग लेंगे.
प्रकाशन और डॉक्यू-ड्रामा का विमोचन
कार्यक्रम में “इंडिया वोट्स 2024: ए सागा ऑफ डेमोक्रेसी” नामक ईसीआई कॉफी टेबल बुक की पहली प्रति राष्ट्रपति को सौंपी जाएगी. यह पुस्तक 18वें लोकसभा चुनाव की सफलता में योगदान देने वाले सभी लोगों को सम्मानित करती है. इसके साथ ही, वार्नर ब्रदर्स डिस्कवरी द्वारा निर्मित आगामी डॉक्यू-ड्रामा सीरीज “इंडिया डिसाइड्स” की एक छोटी क्लिप भी प्रदर्शित की जाएगी.
राष्ट्रीय मतदाता दिवस: उद्देश्य और महत्व
राष्ट्रीय मतदाता दिवस हर वर्ष 25 जनवरी को मनाया जाता है, जो 25 जनवरी, 1950 को भारत के चुनाव आयोग की स्थापना की याद में आयोजित होता है. इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य नागरिकों में चुनावी जागरूकता बढ़ाना और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में उनकी सक्रिय भागीदारी को प्रेरित करना है. यह कार्यक्रम नए मतदाताओं के नामांकन को बढ़ावा देने और उन्हें उनके मतदाता पहचान पत्र (ईपीआईसी) प्रदान करने के लिए भी समर्पित है.
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