
तिरुवनंतपुरम: दुनिया का सबसे बड़ा कंटेनर जहाज ‘एमएससी इरिना’ सोमवार को अदाणी ग्रुप द्वारा विकसित विझिंजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह पर आकर लंगर डाले खड़ा है। यह क्षण बंदरगाह के लिए न केवल एक तकनीकी सफलता है, बल्कि भारत के समुद्री परिदृश्य में एक ऐतिहासिक मोड़ भी है। जहाज मंगलवार तक इसी बंदरगाह पर रहेगा।
तकनीकी विशिष्टताएं: आकार और क्षमता में दैत्य
लंबाई: 399.9 मीटर
चौड़ाई: 61.3 मीटर
कंटेनर क्षमता: 24,346 TEU (20-फुट इक्विवेलेंट यूनिट)
ऊंचाई क्षमता: 26 टियर्स तक कंटेनर स्टैकिंग
यह जहाज एक मानक फीफा फुटबॉल मैदान से लगभग चार गुना लंबा है और इसकी क्षमता इसे ग्लोबल लॉजिस्टिक्स का एक महत्त्वपूर्ण स्तंभ बनाती है।
पूर्ववर्ती जहाजों से आगे
‘एमएससी इरिना’ ने ओओसीएल स्पेन को पीछे छोड़ते हुए सबसे बड़े कंटेनर जहाज का खिताब हासिल किया है—150 टीईयू की बढ़त के साथ। यह जहाज मार्च 2023 में लॉन्च हुआ और अप्रैल 2023 से परिचालन में है। यह लाइबेरियन झंडे के तहत संचालित होता है।
रणनीतिक महत्व और पर्यावरणीय चेतना
इस जहाज का आगमन यह दर्शाता है कि विझिंजम बंदरगाह अब अल्ट्रा-लार्ज कंटेनर वेसल्स (ULCV) को संभालने में सक्षम है। यह बंदरगाह एशिया और यूरोप के बीच कंटेनर ट्रैफिक का एक केंद्रीय बिंदु बनने की ओर अग्रसर है। साथ ही, यह जहाज आधुनिक ऊर्जा दक्षता तकनीकों से लैस है, जो कार्बन उत्सर्जन में लगभग 4% की कमी लाती है। यह न केवल वाणिज्यिक सफलता का संकेत है, बल्कि स्थायी समुद्री व्यापार की दिशा में एक ठोस कदम भी है।
अदाणी पोर्ट्स का बढ़ता दबदबा
विझिंजम पोर्ट को 2 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्र को समर्पित किया गया था। इसके बाद से बंदरगाह ने एमएससी तुर्किये और एमएससी मिशेल कैपेलिनी जैसे अन्य प्रतिष्ठित जहाजों का स्वागत कर अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया है।
(IANS)
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