
उदित वाणी, रांची : राज्य में पहली बार जैविक उत्पाद को बढ़ावा देने और बाजार उपलब्ध कराने के लिए बायर एंड सेलर मीट आयोजित किया गया. ओफाज के माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम में केन्या के साथ-साथ भारत के कई राज्यों की कंपनियों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम का उदघाटन करते हुए कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि देश में जैविक उत्पाद का बहुत बड़ा बाजार है. अगले 10 बर्षों में जैविक बाजार में 20 प्रतिशत तक के ग्रोथ की संभावना है. ऐसे में यह जरूरी है कि झारखंड इस दौड़ में कहां रहेगा, इस सोच के साथ आगे बढ़ना होगा. यह आयोजन एक छोटी सी शुरुआत जरूर है. लेकिन इसका उद्देश्य बहुत बड़ा है. झारखंड के जैविक उत्पादों को खरीददारों से जोड़ने का प्लेटफॉर्म ओफाज ने मुहैया कराया है. इसमें क्रेता-विक्रेता और सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका है.
जैविक खेती की अपार संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. जैविक उत्पाद की वर्तमान स्थिति, चुनौती और बाजार को समझने के साथ भविष्य की योजना तैयार करना है. तिर्की ने कहा कि सिक्किम ने जैविक उत्पाद राज्य के तौर पर अपना नाम दर्ज करा लिया है. जैविक खेती को लेकर किसानों की मानसिकता बदलने की जरूरत है और ये तभी संभव होगा जब किसान जैविक कृषि की बारीकियों को नजदीक से देखेंगे. विभागीय सचिव अबू बक्कर सिद्दीखी ने कहा कि पर्यावरण और मिट्टी की उर्वरक क्षमता को बचाए रखने के लिए जैविक खेती जरूरी है. आज के मॉडर्न युग में लोग खुद को स्वस्थ रखने के जैविक उत्पादों का सेवन करना चाहते हैं. किसानों के लिए जैविक उत्पाद आर्थिक लाभ का बेहतर विकल्प है. बाजार में जैविक उत्पाद की कीमत दूसरे उत्पाद से अधिक है.
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