उदित वाणी, नई दिल्ली: सरकार ने स्टार्टअप की परिवर्तनकारी क्षमता को पहचानते हुए महिला उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए कई पहल की हैं. स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत, जहां 1,57,066 स्टार्टअप सरकार से समर्थित हैं, लगभग आधे यानी 73,000 से अधिक स्टार्टअप में कम से कम एक महिला निदेशक शामिल हैं. यह आंकड़ा महिलाओं की नवाचार और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है.
महिला उद्यमिता को वित्तीय सहायता
भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों द्वारा महिलाओं के लिए कई योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं, जो उन्हें वित्तीय सहायता, कौशल विकास, और उद्यमिता के अवसर प्रदान करती हैं. इन योजनाओं के माध्यम से महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं, बल्कि व्यवसायिक रूप से भी सफलता हासिल कर रही हैं.
महिला उद्यमियों के लिए प्रमुख योजनाएं
महिला उद्यमियों के लिए कई योजनाएं और प्रावधान किए गए हैं, जो उनकी बौद्धिक संपत्ति की सुरक्षा, वित्तीय सहायता और व्यवसायिक विकास को सुविधाजनक बनाती हैं:
(i) भारतीय पेटेंट अधिनियम के तहत, यदि कोई महिला आवेदक होती है, तो उसके पेटेंट आवेदन की शीघ्र जांच की जाती है. यह नवप्रवर्तकों को अपने आविष्कारों की रक्षा के लिए प्रोत्साहित करता है.
(ii) महिला उद्यमियों को बौद्धिक संपदा की सुरक्षा के लिए आवेदन करने पर अन्य संस्थाओं की तुलना में कम शुल्क देना पड़ता है. पिछले पांच वर्षों में पेटेंट दाखिल करने वाली महिलाओं की संख्या में 905 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है.
(iii) अटल नवाचार मिशन के तहत अटल इनक्यूबेशन केंद्रों में लगभग एक तिहाई स्टार्टअप्स का नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं.
(iv) स्टैंड अप इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और मुद्रा योजना जैसी योजनाएं बैंक ऋण और उद्यमशीलता को बढ़ावा देती हैं, जिससे महिला उद्यमियों को विशेष लाभ हुआ है.
(v) स्टार्टअप्स के लिए ऋण गारंटी योजना (सीजीएसएस) महिलाओं सहित पात्र उधारकर्ताओं को ऋण सुविधा प्रदान करती है.
(vi) प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) एक महत्वपूर्ण ऋण-लिंक्ड सब्सिडी योजना है जो स्वरोजगार के अवसर पैदा करती है.
(vii) प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) जैसी योजनाएं स्ट्रीट वेंडर्स को रोजगार और ऋण सुविधाएं प्रदान करती हैं, जिनमें अधिकांश लाभार्थी महिलाएं हैं.
राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा महिला उद्यमियों के लिए पहल
इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा महिला उद्यमियों को सहायता देने के लिए कई अन्य योजनाएं चलायी जा रही हैं. इनमें महिला उद्यम निधि योजना, देना शक्ति योजना, स्त्री शक्ति पैकेज, और शत कल्याणी योजना जैसी योजनाएं शामिल हैं.
सरकार की महिला सशक्तिकरण की दिशा में निरंतर प्रतिबद्धता
महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर ने लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी कि सरकार द्वारा महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए किए गए प्रयासों का सकारात्मक प्रभाव देखा जा रहा है.
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