नई दिल्ली: भारत निर्वाचन आयोग एक नया डिजिटल प्लेटफॉर्म ईसीआईनेट तैयार कर रहा है, जो चुनाव से जुड़ी सभी सेवाओं को एक ही मंच पर उपलब्ध कराएगा. यह ऐप न सिर्फ मतदाताओं, बल्कि चुनाव अधिकारियों, राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों के लिए भी उपयोगी होगा.
40 से अधिक ऐप्स अब एक जगह
ईसीआईनेट पहले से मौजूद चुनाव आयोग की 40 से अधिक मोबाइल और वेब एप्लिकेशनों को एकीकृत करेगा. वोटर हेल्पलाइन, सीविजिल, सुविधा 2.0, सक्षम, ईएसएमएस और केवाईसी जैसे ऐप्स को अब एक ही प्लेटफॉर्म से चलाया जा सकेगा. इससे बार-बार ऐप डाउनलोड करने या अलग-अलग लॉगिन याद रखने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी.
सुविधाजनक और आधुनिक इंटरफेस
यह ऐप यूजर-फ्रेंडली इंटरफेस के साथ तैयार किया जा रहा है, जिससे उपयोगकर्ता आसानी से चुनाव से जुड़ी जानकारियां पा सकेंगे. चाहे वोटर लिस्ट में नाम जांचना हो या पोलिंग बूथ की जानकारी लेनी हो, सब कुछ अब एक क्लिक में संभव होगा.
आधिकारिक डेटा, सटीक जानकारी
ईसीआईनेट पर केवल अधिकृत चुनाव आयोग के अधिकारी ही जानकारी अपलोड करेंगे, जिससे सूचना की विश्वसनीयता बनी रहेगी. किसी विवाद की स्थिति में वैधानिक दस्तावेजों में भरा गया प्राथमिक डेटा ही मान्य होगा.
कई करोड़ लोगों को होगा लाभ
यह ऐप लगभग 100 करोड़ मतदाताओं, 10.5 लाख बीएलओ, 15 लाख बीएलए, 45 लाख पोलिंग अधिकारियों, 15,597 एईआरओ, 4,123 ईआरओ और 767 जिला निर्वाचन अधिकारियों को सीधे तौर पर लाभ पहुंचाएगा.
मार्च 2025 में हुई थी योजना की शुरुआत
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, और चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू व डॉ. विवेक जोशी ने मार्च 2025 में इस ऐप की योजना की नींव रखी थी. तब से इसके निर्माण में 36 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य चुनाव अधिकारियों सहित सभी स्तरों के प्रतिनिधियों की राय ली गई है.
सख्त कानूनी ढांचे में संचालित होगा प्लेटफॉर्म
ईसीआईनेट में दी जाने वाली जानकारी जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, 1951, निर्वाचक पंजीकरण नियम 1960, निर्वाचन संचालन नियम 1961 तथा आयोग द्वारा समय-समय पर जारी दिशानिर्देशों के अनुरूप होगी. ऐप का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है और फिलहाल इसका गहराई से परीक्षण किया जा रहा है ताकि यह सुरक्षित, निर्बाध और उपयोगकर्ता के लिए सहज बना रहे.
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