उदित वाणी, लोहरदगा: लोहरदगा जिले के कैरो थाना अंतर्गत हनहट गांव में मंगलवार रात जंगली हाथियों के हमले में 30 वर्षीय सगीर अंसारी की दर्दनाक मौत हो गई. वह खेत में सिंचाई करने गया था, तभी हाथी ने उसे कुचल डाला.
वन विभाग की निष्क्रियता से भड़के लोग
घटना के बाद पुलिस और वन विभाग की लापरवाही से आक्रोशित ग्रामीणों ने बुधवार सुबह लोहरदगा कचहरी मोड़ पर सड़क जाम कर दिया. लगभग एक घंटे तक लोहरदगा–गुमला–रांची हाईवे पर आवागमन पूरी तरह बाधित रहा. इससे कचहरी, समाहरणालय और अन्य कार्यालयों में जाने वाले लोगों को भी भारी परेशानी उठानी पड़ी.
20 दिनों से जारी है हाथियों का आतंक
ग्रामीणों ने बताया कि पिछले 20 दिनों से कैरो प्रखंड में जंगली हाथियों का आतंक लगातार जारी है. खेतों की फसलें रौंदी जा रही हैं, घरों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. वन विभाग को बार-बार सूचना देने के बावजूद न तो कोई कर्मी आया और न ही किसी तरह की कार्रवाई हुई.
12 घंटे बाद पहुंची पुलिस, वनकर्मी नदारद
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि घटना की जानकारी रात 8 बजे कैरो थाना को दी गई, लेकिन पुलिस सुबह 8 बजे मौके पर पहुंची. वहीं, वन विभाग का कोई कर्मचारी नहीं आया. परिजन जब मुआवजे की बात लेकर फोन पर वन कर्मियों से संपर्क किए, तो जवाब मिला—”लाश सदर अस्पताल लाइए, माता-पिता को भी लाइए, 25 हजार मुआवजा दीजिए और अंतिम संस्कार कीजिए.”
मांगें रखीं—नौकरी और समुचित मुआवज़ा
ग्रामीणों ने मृतक के परिवार को सरकारी नौकरी और पर्याप्त मुआवजा देने की मांग की. सड़क जाम की सूचना पर सिविल एसडीओ अमित कुमार, अंचल अधिकारी आशुतोष और सदर थाना प्रभारी चंद्रमोहन ठाकुर मौके पर पहुंचे. प्रशासन द्वारा उचित कार्रवाई का आश्वासन दिए जाने के बाद ग्रामीणों ने जाम हटाया.
कैरो से कुडू तक पसरा है दहशत
हाथियों का यह झुंड केवल कैरो में ही नहीं, बल्कि भंडरा और कुडू थाना क्षेत्रों के ग्रामीणों के लिए भी भय का कारण बना हुआ है. लोग रात में खेत या बाहर निकलने से डरते हैं. अब ग्रामीणों की मांग है कि हाथियों को शीघ्र सुरक्षित वन क्षेत्र में भेजा जाए और प्रशासन स्थायी समाधान के लिए कदम उठाए.
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