प्राथमिकी दर्ज होने के पांच साल बाद आरोपी पति ने किया सरेंडर
उदित वाणी, जमशेदपुर: पति के खिलाफ दहेज प्रताडऩा का केस लड़ते-लड़ते मानगो पारडीह स्थित गुलाबबाग निवासी शगुफ्ता परवीन की मौत हो गयी. प्राथमिकी दर्ज होने के पांच साल बाद गुरुवार को आरोपी पति अनवरूल ने कोर्ट में सरेंडर किया. जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. दरअसल, मानगो गुलाबबाग निवासी अनवरूल से शगुफ्फा परवीन की 2 दिसंबर 2007 को शादी हुई थी. शादी में दहेज दिया गया था, बावजूद इसके पांच लाख रुपये दहेज की मांग की जाने लगी.
इसके लिए शगुफ्फा को ससुराल पक्ष प्रताडि़त करने लगा. इधर, पति ने भी नौकरी के लिए विदेश जाने को लेकर दो लाख रुपये की मांग की, जिसे मायके वालों ने पूरी की. अनवरूल सामाजिक दबाव में आकर शगुफ्ता को भी अपने साथ विदेश ले गया. साल 2017 में जब दोनों वापस लौटे तो अनवरूल शगुफ्ता को ससुराल में ही छोड़कर विदेश वापस चला गया. वह गर्भवती थी, तो ससुराल वालों ने गर्भपात करवा दिया.
ससुर ने भी गलत करने का किया प्रयास
इस दौरान ससुर ने भी शगुफ्ता के साथ गलत करने का प्रयास किया. मायके वालों को जानकारी मिलने पर वे लोग उसे अपने साथ ले गये, जहां वह रहने लगी. इसके बाद उसने ससुराल पक्ष के खिलाफ दहेज प्रताडऩा का मामला दर्ज कराया. लेकिन आरोपी कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ. पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए घर की कुर्की भी की पर कोई हल नहीं निकला. अंत में तनाव में रहने के कारण शगुफ्ता की मौत हो गयी. वहीं गुरुवार को अनवरूल ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया.
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