
रांची: आदिवासी संगठनों द्वारा बुधवार को बुलाए गए झारखंड बंद का असर रांची सहित राज्य के कई जिलों में व्यापक रूप से देखा गया। बंद समर्थकों ने प्रमुख सड़कों को बांस-बल्लियों से घेर कर यातायात को ठप कर दिया। बाजार और दुकानों को जबरन बंद कराया गया।
हाईवे पर जाम, वाहनों की लंबी कतारें
रामगढ़ जिले के कुजू क्षेत्र में रांची-पटना राष्ट्रीय राजमार्ग को सुबह 10 बजे से अवरुद्ध कर दिया गया, जिससे हाईवे पर वाहन चालकों को घंटों जाम में फंसे रहना पड़ा। लातेहार के उदयपुरा चौक, गुमला जिले के टोटो गांव और लोहरदगा जाने वाली सड़कें भी पूरी तरह जाम रहीं। पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला, चाकुलिया, गालूडीह और बहरागोड़ा क्षेत्रों में बंद समर्थकों ने जुलूस की शक्ल में नारेबाजी करते हुए बाजार बंद कराए।
आदिवासी परंपरा और धार्मिक स्थलों पर चिंता
बंद का आह्वान आदिवासी बचाओ मोर्चा, सिरमटोली बचाओ मोर्चा सहित कई संगठनों ने किया था। उनका आरोप है कि सरना स्थलों और अन्य परंपरागत धार्मिक स्थानों पर सरकारी परियोजनाओं के नाम पर अतिक्रमण हो रहा है। बंद को देखते हुए रांची में दो हजार से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। पूरे राज्य में पुलिस बल सतर्कता के साथ गश्त कर रहा है।
सिरमटोली सरना स्थल विवाद मुख्य केंद्र
रांची शहर के सिरमटोली इलाके में सरना स्थल के समीप फ्लाईओवर के रैंप को लेकर विरोध लंबे समय से जारी है। बंद समर्थकों का कहना है कि इससे पूजा स्थल संकुचित हो गया है, जो आस्था पर आघात है। बंद की अगुवाई कर रहीं पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव ने कहा कि सरकार आदिवासियों की धार्मिक अस्मिता की अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को चेताने और स्थलों की रक्षा के लिए यह आंदोलन आवश्यक हो गया है। बंद समर्थकों ने राज्य में मरांग बुरू, लुगु बुरु, पारसनाथ, मुधर हिल्स (पिठोरिया), तमाड़ और बेड़ो जैसे पारंपरिक सरना स्थलों की रक्षा की मांग को जोर-शोर से उठाया।
(IANS)
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।