उदित वाणी, चाईबासा: जिला उपायुक्त के निर्देशानुसार 25 मार्च को चक्रधरपुर नगर परिषद कार्यालय के पीछे स्थित विवाह भवन में फूड लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन शिविर का आयोजन किया गया. इस शिविर में खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी अभिषेक आनंद और डेटा एंट्री ऑपरेटर अभय पान उपस्थित रहे. शिविर में कुल 88 आवेदन प्राप्त हुए, जो खाद्य सुरक्षा के नियमों के तहत कारोबारियों द्वारा फूड लाइसेंस प्राप्त करने के लिए थे.
खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 का पालन अनिवार्य
यह सुनिश्चित किया गया कि सभी खाद्य कारोबारियों को खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत फूड लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य है. विशेष रूप से चिकन, मीट और मछली विक्रेताओं को नगर परिषद अथवा मुखिया से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) प्राप्त करने के बाद ही फूड लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन निर्गत किया जाएगा. यदि जांच के दौरान किसी व्यापारी के पास फूड लाइसेंस नहीं पाया जाता है, तो उन पर विधि सम्मत कार्यवाही की जाएगी और अर्थदंड भी लगाया जाएगा.
खाद्य सुरक्षा की दिशा में उठाए गए कदम
खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी ने सभी खाद्य कारोबारियों को निर्देश दिया कि वे अपने कर्मचारियों को फूड सेफ्टी से संबंधित फोस्टैक प्रशिक्षण अवश्य प्राप्त कराएं. आगामी ईद और सरहुल त्योहारों के मद्देनजर, खाद्य और पेय पदार्थ बेचने वाले सभी कारोबारियों को सफाई का विशेष ध्यान रखने, एप्रोन और ग्लव्स पहनकर खाना बनाने का निर्देश दिया गया है. साथ ही, कच्चे खाद्य सामग्री जैसे आटा, मैदा, तेल, पनीर, खोआ, मसाला आदि के एक्सपायरी डेट और गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के बाद ही उपयोग करने की सलाह दी गई है.
स्वच्छता और गुणवत्ता पर जोर
इसके अतिरिक्त, कारोबारियों को गाय छाप या चंपई रंग का प्रयोग न करने, फूड कलर की अधिक मात्रा के उपयोग से बचने और खाद्य सामग्री को हाइजीनिक तरीके से साफ रखने के निर्देश दिए गए. इस कदम का उद्देश्य त्योहारों के दौरान खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता को सुनिश्चित करना है.
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