उदित वाणी, चांडिल: चांडिल अनुमंडल के नीमडीह प्रखंड स्थित लावा गांव के गोल्ड माइन्स से रंगदारी मांगने के मामले में जेएलकेएम के केंद्रीय सचिव गोपेश महतो ने खुद पर लगे आरोपों को बेबुनियाद और निराधार बताया. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर रंगदारी मांगने को लेकर जो भ्रामक खबरें फैलाई जा रही हैं, वे केवल उनकी राजनीतिक छवि को धूमिल करने की साजिश हैं. गोपेश महतो ने यह भी कहा कि यदि कोई इस रंगदारी की मांग को प्रमाणित कर दे, तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे. यह बयान उन्होंने गुरुवार को घोड़ालिंग स्थित जेएलकेएम के ईचागढ़ विधानसभा स्तरीय प्रधान कार्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिया.
राजनीतिक साजिश का आरोप
गोपेश महतो ने इस आरोप को राजनीतिक साजिश करार दिया और कहा कि इस प्रकार की अफवाहें फैलाकर उनके विरोधी उनके राजनीतिक कद को घटाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि गोल्ड माइन्स के समीप पिछले कुछ दिनों से ग्रामीण ग्यारह सूत्री मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों के नेताओं की कोई प्रतिक्रिया नहीं आ रही. उनका केवल यह उद्देश्य है कि दूसरों द्वारा ग्रामीणों के हित में किए गए कार्यों की आलोचना की जाए, लेकिन समाधान की दिशा में कोई प्रयास न किया जाए.
गोल्ड माइन्स द्वारा गांव के उत्थान में अनदेखी
गोपेश महतो ने यह भी बताया कि गोल्ड माइन्स की गाड़ियाँ रैयती जमीन से होकर आती-जाती हैं, लेकिन अब तक गोल्ड माइन्स ने गांव के उत्थान के लिए कोई विशेष कदम नहीं उठाया है. उन्होंने स्थानीय प्रशासन के रवैये को भी पक्षपाती बताया और कहा कि प्रशासन ने इस मामले में निष्पक्ष तरीके से कार्य नहीं किया.
अंचल अधिकारी का बयान
नीमडीह अंचल अधिकारी ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि गोल्ड माइन्स के मजदूर और प्रबंधन के बीच वार्ता का अभाव था, जिसके चलते मजदूर धरने पर बैठे थे. जैसे ही प्रशासन को इस धरने की जानकारी मिली, वार्ता की पहल की गई और सभी को नीमडीह अंचल कार्यालय बुलाया गया, लेकिन इस प्रयास के बावजूद कोई भी मजदूर वहां नहीं पहुंचा.
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।