उदित वाणी, जमशेदपुर: विनोबा भावे विश्वविद्यालय ने नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी (National Academic Depository) के तहत विद्यार्थियों के डेटा अपलोड करने में झारखंड के सभी विश्वविद्यालय में प्रथम स्थान पर अपने को स्थापित किया है. डिजिटल दुनिया में यह कीर्तिमान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर पवन कुमार पोद्दार तथा डिजिटल कोषांग के निदेशक डॉ इंद्रजीत कुमार के प्रयासों से संभव हुआ है.
विभावि झारखंड का एकमात्र विश्वविद्यालय है जिन्होंने 1,19,685 विद्यार्थियों के डेटा को अपलोड कर एक लाख से ऊपर के अंकपत्र और डिग्री नेशनल अकैडमी डिपॉजिटरी में सही-सही अपलोड कर दिया है.
दूसरे स्थान पर विनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय, धनबाद है. जिसने 81158 विद्यार्थियों के डेटा को सही-सही अपलोड किया है.
यह कार्य नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 को धरातल पर लाने के उद्देश्य से किया गया है.
नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी (एनएडी) एक 24×7 ऑनलाइन स्टोरहाउस है, जिसमें सभी प्रकार के अकादमिक पुरस्कार जैसे प्रमाण पत्र, डिप्लोमा, डिग्री, मार्कशीट आदि सुरक्षित रूप से संग्रहीत किए जाते हैं. इसे अकादमिक संस्थानों, बोर्डों और पात्रता मूल्यांकन निकायों द्वारा विधिपूर्वक डिजिटल रूप से अपलोड किया जाता है. एनएडी न केवल अकादमिक पुरस्कारों की आसान पहुँच और पुनर्प्राप्ति सुनिश्चित करता है, बल्कि इसके प्रामाणिकता और सुरक्षित भंडारण की पुष्टि और गारंटी भी प्रदान करता है.
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