उदित वाणी, रांची: विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय संगठन महामंत्री मिलिंद परांडे ने मंगलवार को दावा किया कि बांग्लादेश और म्यांमार से हो रही घुसपैठ, साथ ही ईसाई मिशनरियों द्वारा किए जा रहे धर्मांतरण के प्रयासों से झारखंड की जनसंख्या संरचना तेजी से बदल रही है. उनका कहना है कि यह परिवर्तन राज्य में सामाजिक असंतुलन को जन्म दे रहा है.
साहिबगंज और पाकुड़ में घुसपैठ, सिमडेगा और हजारीबाग में धर्मांतरण
रांची में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में परांडे ने बताया कि साहिबगंज और पाकुड़ जिलों में बड़े पैमाने पर बांग्लादेशी घुसपैठ हो रही है. वहीं, सिमडेगा और हजारीबाग जैसे क्षेत्रों में मिशनरियों द्वारा अवैध धर्मांतरण की गतिविधियाँ चल रही हैं. उनका आरोप है कि राज्य में लव जिहाद की घटनाएं भी लगातार बढ़ रही हैं.
“मूल आदिवासियों का हक छिन रहा है”
परांडे ने कहा कि झारखंड की जनसंख्या में लगभग 18 प्रतिशत लोग धर्मांतरण के माध्यम से शामिल हुए हैं, जो राज्य के 82 प्रतिशत मूल आदिवासियों के अधिकारों का हनन कर रहे हैं. विश्व हिंदू परिषद इस परिस्थिति को देखते हुए जनजागरण अभियान चला रही है.
“भूमि और संसाधनों पर कब्जा करने का षड्यंत्र”
विहिप के संगठन महामंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि बाहरी और विधर्मी लोग हिंदू एवं जनजातीय समुदाय की भूमि और संसाधनों पर कब्जा कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि इन लोगों द्वारा जनजातीय युवतियों से विवाह कर राजनीतिक हस्तक्षेप बढ़ाने की साजिशें भी रची जा रही हैं. ऐसे प्रयासों को रोकने के लिए उन्होंने प्रबुद्ध हिंदू समाज से एकजुट होकर आगे आने की अपील की.
गो-तस्करी और मंदिर नियंत्रण पर भी चिंता
मिलिंद परांडे ने झारखंड में गो-तस्करी की बढ़ती घटनाओं पर भी चिंता जताई. उन्होंने बताया कि विहिप पूरे देश में मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने के लिए अभियान चला रही है. हाल ही में विजयवाड़ा में एक बड़ी जनसभा आयोजित की गई थी. इसी तरह, अन्य राज्यों में भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. सत्तारूढ़ दलों और जनप्रतिनिधियों से संवाद कर इस दिशा में कानून निर्माण की मांग की जा रही है.
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में विहिप झारखंड प्रांत अध्यक्ष चंद्रकांत रायपत और मंत्री मिथिलेश्वर मिश्र भी उपस्थित थे.
(IANS)
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