उदित वाणी, दुमका: हाईस्पीड और हाईटेक मानी जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस एक बार फिर असामाजिक तत्वों के निशाने पर आ गई है. सोमवार को हावड़ा से भागलपुर आ रही इस ट्रेन पर रामपुरहाट और दुमका के बीच स्थित पिनरगड़िया स्टेशन के पास अज्ञात लोगों ने पथराव कर दिया. इस हमले में एक कोच की खिड़की का शीशा टूट गया.
गनीमत रही, कोई यात्री नहीं हुआ घायल
हालांकि घटना में कोई यात्री हताहत नहीं हुआ, लेकिन इसने एक बार फिर रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. गार्ड और चालक ने भागलपुर पहुंचकर टूटी हुई खिड़की की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी.
चार महीने में पांचवीं बार वंदे भारत बनी निशाना
यह कोई पहली घटना नहीं है. बीते चार महीनों में वंदे भारत पर यह पांचवीं बार हमला हुआ है. इससे पहले 4 दिसंबर को भी इसी रूट पर ट्रेन पर पत्थर फेंके गए थे, जिसमें एक कोच की खिड़की पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी.
RPF की चेतावनी भी बेअसर
पिछली घटनाओं के बाद RPF और रेलवे अधिकारियों ने ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर जागरूकता अभियान चलाया था. स्थानीय लोगों को चेताया गया था कि ट्रेन पर पथराव करने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई होगी. लेकिन इसके बावजूद घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रहीं.
खास शीशा भी नहीं रोक पाया हमला
रेलवे कर्मचारियों के अनुसार, वंदे भारत की खिड़कियों में विशेष प्रकार का मजबूत शीशा लगा होता है, जिसे सामान्यतः तोड़ पाना कठिन होता है. लेकिन जानबूझकर और ताकत से फेंके गए पत्थर से उसे नुकसान पहुंचाया जा सकता है.
दो दिन पहले भी हुआ था हमला, ट्रेन मैनेजर घायल
इस घटना से महज दो दिन पहले भी भागलपुर-सबौर रेलखंड पर भीखनपुर गुमटी नंबर 12 के पास एक रैक ट्रेन पर पथराव हुआ था, जिसमें ट्रेन मैनेजर गंभीर रूप से घायल हो गए थे. उनके सिर में गंभीर चोट आई थी और इस कारण रेल यातायात भी प्रभावित हुआ.
रेलवे प्रशासन की चुप्पी बनी चिंता का विषय
वंदे भारत पर हो रहे इन सिलसिलेवार हमलों पर अभी तक रेलवे की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. यह चुप्पी सुरक्षा एजेंसियों की चिंता को और बढ़ा रही है. यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनज़र अब रेलवे को ठोस कार्रवाई करने की ज़रूरत है.
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