रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने वर्ष 2024 में आयोजित झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (JSSC) की कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल (CGL) परीक्षा के परिणामों के प्रकाशन पर लगी रोक को बरकरार रखा है. चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने बुधवार को इस परीक्षा में गड़बड़ियों की सीबीआई जांच की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की.
CID जांच पर सरकार ने दी सफाई
राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को जानकारी दी कि इस मामले में CID की जांच जारी है. अब तक परीक्षा के पेपर लीक होने का कोई प्रमाण नहीं मिला है. सरकार को उम्मीद है कि अनुसंधान कार्य एक माह के भीतर पूरा कर लिया जाएगा.सरकार ने यह भी बताया कि पेपर देने के नाम पर अभ्यर्थियों से पैसे वसूलने वाले तीन लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी गई है.
कोर्ट ने मांगी अद्यतन रिपोर्ट
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि अब तक की जांच की अद्यतन रिपोर्ट अदालत में समर्पित की जाए. याचिकाकर्ता की ओर से अतिरिक्त समय की मांग की गई, जिसे स्वीकार करते हुए अदालत ने अगली सुनवाई की तिथि 18 जून 2025 निर्धारित की है.
सितंबर 2024 में हुई थी परीक्षा, दिसंबर में रुका परिणाम
जेएसएससी CGL परीक्षा 21 और 22 सितंबर 2024 को राज्यभर के 823 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित हुई थी. इसमें 3,04,769 अभ्यर्थियों ने भाग लिया था. आयोग ने 5 दिसंबर 2024 को 2,145 अभ्यर्थियों को शॉर्टलिस्ट किया था. इसी बीच राजेश कुमार एवं अन्य द्वारा पेपर लीक की आशंका को लेकर CBI जांच की मांग में जनहित याचिका दायर की गई थी.इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 17 दिसंबर 2024 को परिणाम पर रोक लगा दी थी. अदालत ने राज्य सरकार को झारखंड परीक्षा संचालन अधिनियम, 2023 के तहत FIR दर्ज कर अनुसंधान करने और उसकी रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था. इसके बाद CID द्वारा जांच प्रक्रिया जारी है.
सुनवाई में तीन पक्षों की बहस
बुधवार को हुई सुनवाई में सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन, JSSC की ओर से अधिवक्ता संजॉय पिपरवाल और याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अजीत कुमार ने पक्ष रखा.
(IANS)
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