उदित वाणी, जमशेदपुर: कोल्हान विश्वविद्यालय में आठ वर्ष बाद पीएचडी में दाखिले लेने की कवायद चल रही है. 27 नवंबर को पीएचडी प्रवेश परीक्षा होगी. इसलिए अब तक 247 विद्यार्थी आवेदन कर चुके हैं.
केयू में आठ साल बाद तीसरी बार पीएचडी प्रवेश परीक्षा आयोजित की जा रही है. यूजीसी के नियमानुसार 60 प्रतिशत सीट पर प्रवेश परीक्षा के तहत विद्यार्थियों का नामांकन लिया जाएगा.
बाकी के 40 प्रतिशत सीट पर नीट व जीआरएफ क्वालिफाइड युवाओं को ही अवसर दिया जायेगा. इस कड़ी में विश्वविद्यालय ने एमफिल कर चुके विद्यार्थियों को बड़ा तोहफा देने की घोषणा की है.
इसके तहत अब 27 नवंबर को होने वाली पीएचडी प्रवेश परीक्षा से एमफिल कर चुके विद्यार्थियों को छूट दे दी गई है. उन्हें इस प्रवेश परीक्षा में बैठने की जरूरत नहीं पड़ेगी. वे सीधे साक्षात्कार में शामिल हो सकेंगे.
कोल्हान विश्वविद्यालय की ओर से इस बाबत गाइडलाइन जारी कर दी गई है. एमफिल पास को बिना प्रवेश परीक्षा के पीएचडी में प्रवेश को सीधे साक्षात्कार में शामिल होने का मौका मिलने से उनके लिए एमफिल करने के मायने बदल गए हैं.
विश्वविद्यालय ने यह तोहफा सिर्फ एमफिल छात्रों को ही नहीं दिया है, बल्कि एमटेक, एम-फार्मा, एमडी, एमई, एम-आर्क की पढ़ाई कर चुके विद्यार्थियों को भी प्रवेश परीक्षा से छूट दी गई है. ये सभी सीधे आवेदन भरकर साक्षात्कार में शामिल हो सकते हैं. इसके अलावा नेट-जेआरएफ को तो सीधे दाखिला दिया ही जाना है.
वहीं, कोल्हान विवि में सेवा दे रहे रेगुलर शिक्षकों को भी अगर पीएचडी करनी है तो उन्हें भी बिना प्रवेश परीक्षा सीधे साक्षात्कार में भाग लेकर पीएचडी करने का मौका प्रदान किया जाएगा. सरकार के राष्ट्रीय स्तर के रिसर्च लेबोरेटरी में काम कर रहे साइंटिस्ट को भी बिना प्रवेश परीक्षा के ही पीएचडी करने का मौका मिलेगा.
कोल्हान विवि के प्रवक्ता डॉ. पीके पाणी ने कहा कि कोल्हान विवि में पीएचडी प्रवेश परीक्षा में यूजीसी नियम का पालन सख्ती से होगा. नेट व जीआरएफ क्वालिफाइड विद्यार्थी को प्रवेश परीक्षा में बैठने की जरूरत नहीं है. उनका नामांकन सीधे लिया जायेगा. आगामी 21 नवंबर तक विद्यार्थी आवेदन कर सकते हैं. 27 नवंबर को पीएचडी की प्रवेश परीक्षा निर्धारित की गई है.
एक सहायक प्रोफेसर के अंतर्गत चार शोधार्थी
मालूम हो कि कोल्हान विवि में सहायक प्रोफेसर के अंतर्गत चार शोधार्थी ही शोध कर सकते हैं. जबकि एसोसेट प्रोफेसर के अंतर्गत मात्र 6 शोधार्थी ही शोध कर सकते हैं.
इसी तरह प्रोफेसर के अंतर्गत आठ शोधार्थी ही शोध करेंगे. वहीं, कोल्हान विवि में सहायक प्रोफेसर की संख्या सबसे अधिक है, जबकि एसोसेट प्रोफेसर की संख्या लगभग 60 ही है. इसी तरह प्रोफेसर की संख्या मात्र दो ही है.
इसमें एबीएम कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. मुदिता चंद्रा व सोशल साइंस डीन सह होम साइंस की एचओडी डॉ. आशा कुमारी है. हालांकि दिसंबर माह में डॉ. मुदिता चंद्रा वीमेंस यूनिर्वसिटी वापस हो जायेंगे. इसके बाद कोल्हान विवि में मात्र एक प्रोफेसर ही शेष रहेंगे.
गाइड मिलने में हो सकती समस्या
पीएचडी प्रवेश परीक्षा आरंभ होने से पूर्व विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से पूरी तैयारी की जा चुकी है. सभी सहायक प्रोफेसर, एसोसेट प्रोफेसर व प्रोफेसर से उनके अंतर्गत रिक्त सीट की संख्या मांगी जा चुकी है.
उसी के आधार पर पीएचडी के लिये नामांकन होगी. मालूम हो कि कोल्हान विवि के कई शिक्षक ऐसे हैं जिनके अंतर्गत अब तक एक भी शोधार्थी नहीं है. वहीं, कई शिक्षक के पास सीट ही नहीं है। ऐसे में इस बार गाइड चुनने में शोधार्थी को परेशानी हो सकती है. अपने मनपसंद गाइड मिलना संभव नहीं दिख रहा है.
20 नवंबर तक लिए जाएंगे आवेदन
कोल्हान विश्वविद्यालय में फिलहाल पीएचडी प्रोगाम में आवेदन की अंतिम तिथि 20 नंवबर है. तिथि खत्म होने के पश्चात कोई एप्लीकेशन फॉर्म स्वीकार नहीं किया जाएगा.
विश्वविद्यालय में 23 विषयों में पीएचडी में दाखिला दिया जायेगा. वहीं, यहां पर कुल सीटों की संख्या 395 है. आवेदन करने के लिए सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी को आवेदन शुल्क 1000 रुपए देना होगा. इसके अलावा एससी, एसटी और पीएच अभ्यर्थियों को 700 रुपए फीस देनी होगी. कोल्हान विश्वविद्यालय के अधिकारिक वेबसाइट में सारी प्रक्रिया पूर्ण की जायेगी.
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