उदित वाणी, गुमला: झारखंड के गुमला जिले में कुख्यात नक्सली रामदेव उरांव को गुमला पुलिस, एसएसबी और झारखंड जगुआर की संयुक्त टीम ने उसके गढ़ देवरागानी जंगल में घेर लिया. सुरक्षा बलों ने जंगल में घुसकर रामदेव को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन नक्सली अपने गिरोह के साथ हथियार छोड़कर फरार हो गया.
जंगल और बस्ती में छिपा रामदेव
रविवार को सुरक्षा बलों के जवान जंगल में पहुंचे, जहां रामदेव पहले से छिपा हुआ था. पुलिस के मुताबिक, सुरक्षा बलों को देखते ही रामदेव ने फायरिंग शुरू कर दी. जवाबी कार्रवाई के बाद वह पास की आबादी वाली बस्ती में भाग गया.
इलाके की भौगोलिक चुनौती
देवरागानी जंगल घने पेड़ों और पहाड़ी गुफाओं से घिरा है. रामदेव इलाके की भौगोलिक बनावट का लाभ उठाकर भागने में सफल रहा. पुलिस और सुरक्षा बल गांव और जंगलों में सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं.
ऑपरेशन का नेतृत्व
गुमला के एसपी शंभु सिंह और एसएसबी 32 बटालियन के कमांडेंट राजेश सिंह के नेतृत्व में यह अभियान चलाया गया. पुलिस और सुरक्षा बलों ने 19 जनवरी की शाम को अभियान शुरू किया. संदिग्ध घरों और पहाड़ियों पर घेराबंदी की गई, लेकिन नक्सली अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गया.
फायरिंग और बरामद हथियार
रविवार शाम 5:35 बजे रामदेव उरांव का पता लगा, लेकिन उसने गोलियां चलाकर भागने की कोशिश की. जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी फायरिंग की. हालांकि, किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. तलाशी के दौरान जवानों को एक AK-47 राइफल, एक 303 बोल्ट एक्शन राइफल और गोला-बारूद बरामद हुए हैं.
सर्च ऑपरेशन जारी
सोमवार 20 जनवरी को सुबह होते ही सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया. पुलिस ने कहा है कि ऑपरेशन के खत्म होने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि कितनी फायरिंग हुई और कितने हथियार बरामद हुए.
क्या नक्सली को पकड़ पाएंगे सुरक्षा बल?
सुरक्षा बल गांव और जंगलों का चप्पा-चप्पा खंगाल रहे हैं. क्या यह ऑपरेशन रामदेव उरांव को पकड़ने में सफल होगा? या वह एक बार फिर घने जंगल और गुफाओं का सहारा लेकर फरार हो जाएगा?
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