उदित वाणी, चांडिल: चांडिल, जो कभी अपनी खूबसूरत पर्यटक स्थलों के लिए प्रसिद्ध था, आज उसी स्थान पर यातायात की समस्या गंभीर रूप ले चुकी है. जमशेदपुर से पुरूलिया जाने वाले मार्ग पर स्थित चांडिल बाजार में रोजाना जाम की समस्या उत्पन्न होती है, जिसे अब लोग ‘जामनगर’ के नाम से पहचानने लगे हैं. सड़क के संकुचित होने का कारण यहां के स्थायी दुकानदार और ठेले खोमचे वाले हैं, जिन्होंने खुद ही सड़क का अतिक्रमण कर लिया है. यह अतिक्रमण और प्रशासन की अनदेखी के कारण राहगीरों, एम्बुलेंस और अन्य वाहन चालकों को घंटों तक जाम में फंसे रहना पड़ता है.
अतिक्रमण से सिकुड़ी सड़कें
चांडिल डैम रोड पर दुकानदारों द्वारा सड़कों पर अतिक्रमण किए जाने से अक्सर जाम के हालात बन जाते हैं. दुकानदार और ग्राहक दोनों सड़कों पर सामान और वाहन रख देते हैं, जिससे अधिकांश सड़क क्षेत्र बंद हो जाता है. परिणामस्वरूप, वाहन चालकों और राहगीरों के लिए बमुश्किल एक चौथाई सड़क ही बचती है. इस अतिक्रमण से पूरे बाजार क्षेत्र में यातायात की समस्या और भी जटिल हो गई है. सड़क पर सख्त नियंत्रण की कमी के कारण लोग कई घंटों तक जाम में फंसे रहते हैं.
स्थानीय प्रशासन की लापरवाही
चांडिल बाजार के मुख्य मार्गों पर यातायात में रुकावटें लगातार बढ़ती जा रही हैं, बावजूद इसके स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं. अनुमंडल कार्यालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, चांडिल डैम और चांडिल कोर्ट जाने वाले लोग अब इस मार्ग पर यात्रा करने से बचने लगे हैं. खासकर सरकारी नालियों का अवैध अतिक्रमण करने वाले दुकानदारों के कारण दिन भर जाम की स्थिति बन जाती है. हालांकि, इस मार्ग पर आने-जाने वाले प्रशासनिक अधिकारियों का ध्यान इस समस्या पर कभी नहीं गया.
एनएच 32 पर यातायात पुलिस की कमी
एनएच 32 पर जाम का एक अन्य बड़ा कारण स्टेशन और गोलचक्कर से आने वाली गाड़ियों का चांडिल चौक बाजार के समीप मुड़ना है. इस मोड़ पर यातायात पुलिस की तैनाती न होने के कारण गाड़ियां रुक जाती हैं, जिससे जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. इस स्थान पर यातायात नियंत्रण के लिए पुलिस की स्थायी तैनाती की आवश्यकता है, ताकि जाम से निपटा जा सके.
क्या हो सकता है समाधान?
स्थानीय लोग मानते हैं कि यदि प्रशासन सरकारी नालियों को दुकानदारों के अवैध अतिक्रमण से मुक्त कर दे, तो कुछ हद तक जाम की समस्या हल हो सकती है. इसके अलावा, चांडिल डैम रोड की चौड़ाई पहले 40 से 50 फीट हुआ करती थी, लेकिन अब अतिक्रमण के कारण यह आधी हो चुकी है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मार्ग पर दो यातायात पुलिस कर्मियों की स्थायी तैनाती की कई वर्षों से मांग की जा रही है, लेकिन प्रशासन ने इसे अब तक नजरअंदाज किया है. खासकर बीते दो वर्षों में सड़क दुर्घटनाओं में दो लोगों की मौत हो चुकी है.
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