उदित वाणी, सरायकेला: विगत बुधवार को सरायकेला खरसावां जिले के राजनगर अंतर्गत डिबाडीह ग्राम में आयोजित द्वितीय वीर शहीद डीबा-किशुन महोत्सव 2025 में झारखंड के प्रतिष्ठित राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय दिल्ली के स्नातकोत्तर नाट्यकर्मी जितराई हांसदा के निर्देशन में जमशेदपुर नाट्य दल गीता थिएटर द्वारा ‘कसक’ नाटक का झारखंडी भाषा में रूपांतरित रूप ‘कोरजा’ का पहली बार मंचन किया गया. यह प्रस्तुति झारखंडी लोक कला और नाट्य परंपरा को समर्पित थी.
‘कसक’ का झारखंडी रूपांतरण: मानसा मुर्मू की मेहनत
लोकप्रिय हिन्दी नाटक ‘कसक’ का झारखंडी भाषा में रूपांतरण सरायकेला की नाट्यकर्मी मानसा मुर्मू ने किया. गीता कुमारी द्वारा लिखित इस नाटक की प्रस्तुति पहले 10 से अधिक बार झारखंड, बिहार, उड़ीसा और कोलकाता में हो चुकी है. परंतु, यह पहली बार था जब इसे झारखंडी भाषा में डिबाडीह गांव में प्रदर्शित किया गया.
‘कोरजा’ का दिल छूने वाला संदेश
नाटक ‘कोरजा’ एक गरीब परिवार की कहानी है, जो कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है. यह नाटक मानसा, उसकी पत्नी लखी और उनके दो बच्चों फुलमोती एवं सोहन की दुखद कथा को दर्शाता है. यह परिवार मेहनत-मजदूरी करके जीवन यापन करता है, लेकिन कर्ज के कारण उनका जीवन अत्यधिक कठिन हो जाता है. एक दिन, जमींदार लखी के घर आकर कर्ज को माफ करने का लालच देता है, लेकिन इसके बदले उसे अपने शरीर का सौदा करने की बात कहता है. लखी अपने परिवार की खुशी और भविष्य के लिए यह कदम उठाती है, लेकिन इस स्थिति से घृणा करती हुई अंततः विषाक्त पदार्थ का सेवन कर अपनी और अपनी बेटी की जान ले लेती है.
नाटक का निर्देशन और कलाकारों की भूमिका
नाटक का निर्देशन राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के स्नातकोत्तर और झारखंडी नाट्यकर्मी जितराई हांसदा ने किया. नाटक में लखी (सुगनी) की भूमिका गीता कुमारी ने निभाई, जबकि मानसा की भूमिका अन्नत सरदार ने अदा की. बेटी फुलमोती का किरदार लक्ष्मी कालिंदी और सोहन का किरदार राजु कर्मकार ने निभाया. नाटक के खलनायक जमींदार की भूमिका प्रेम दीक्षित ने निभाई, साथ ही उनके साथी मानसा मुर्मू भी मंच पर थे.
समाप्ति और भावनात्मक असर
‘कोरजा’ नाटक ने दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ी और न केवल समाज में व्याप्त गरीबी, कर्ज और अन्याय की समस्या को उजागर किया, बल्कि यह भी दिखाया कि कितनी मेहनत और संघर्ष के बावजूद गरीब वर्ग को मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है. यह नाटक सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण संदेश देता है.
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