उदित वाणी कांड्रा: सरायकेला जिले में सामाजिक और भावनात्मक शिक्षण (SEL) पर आधारित SEL समागम का सफल आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में जिला शिक्षा अधीक्षक (DSE), जिला परियोजना पदाधिकारी (APO), शिक्षक, छात्र, अभिभावक और मीडिया कर्मी उपस्थित रहे. साथ ही, सम्पूर्णा कंसोर्टियम से अभिधा सेठ, मनीष यादव, आशीष कुमार, शीतांशु शर्मा, प्रीति, शगुफ्ता और रोशनी ने भी सहभागिता की.
SEL के 9 घटकों पर जोर
कार्यक्रम के दौरान जिला शिक्षा अधीक्षक ने SEL के 9 घटकों पर चर्चा की और बताया कि यह 21वीं सदी के कौशल को बढ़ावा देने का महत्वपूर्ण माध्यम है. उन्होंने घोषणा की कि SEL को अधिक व्यापक बनाने के लिए हर्ष जोहार कार्यशाला DEIT में आयोजित होगी, जिससे यह अधिक बच्चों तक पहुंचेगा. साथ ही, उन्होंने सम्पूर्णा कंसोर्टियम के प्रयासों की सराहना की.
अतिरिक्त कार्यक्रम पदाधिकारी ने कहा कि सामाजिक और भावनात्मक शिक्षण (SEL) केवल शैक्षणिक सफलता ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य और निर्णय लेने की क्षमता को भी मजबूत करता है.
गैलरी वॉक में दिखीं SEL की गतिविधियाँ
कार्यक्रम के दौरान हर्ष जोहार गतिविधियों की एक गैलरी वॉक कराई गई, जिसमें सभी अतिथियों ने रुचि लेकर भाग लिया. यह गतिविधियाँ SEL के प्रभाव और उसके वास्तविक शिक्षण में उपयोग को दर्शाने के लिए आयोजित की गईं.
बच्चों के सर्वांगीण विकास की दिशा में कदम
SEL समागम का मुख्य उद्देश्य सभी हितधारकों को एक मंच पर लाकर सामाजिक और भावनात्मक शिक्षण के महत्व को जागरूकता के साथ बढ़ावा देना था. इस पहल से बच्चों के शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक विकास में सकारात्मक योगदान मिलेगा.
झारखंड के 24 जिलों में लागू, जल्द होगा विस्तार
प्रोजेक्ट सम्पूर्णा-हर्ष जोहार वर्तमान में झारखंड के 24 जिलों के 121 विद्यालयों में सफलतापूर्वक लागू किया जा रहा है. अगले चरण में इसे 325 प्रखंड स्तरीय आदर्श विद्यालयों में विस्तारित किया जाएगा, जिससे अधिक बच्चों को इसका लाभ मिल सकेगा.
कार्यक्रम में उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों ने टीम सम्पूर्णा के इस प्रयास की सराहना करते हुए इसे एक प्रेरणादायक पहल बताया.
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