उदित वाणी, जमशेदपुर: नए वर्ष 2025 के आगमन पर चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में अपार उत्साह देखा गया. पूरा क्षेत्र जश्न में डूबा रहा और लोग खुशी के साथ नववर्ष का स्वागत करने के लिए विभिन्न स्थानों पर उमड़ पड़े. मंदिरों, पिकनिक स्पॉट्स और पर्यटन स्थलों पर भारी भीड़ दिखाई दी. इस दौरान, लोगों ने पुराने साल 2024 को अलविदा कहकर नए साल की शुरुआत का आनंद लिया.
मंदिरों में श्रद्धा और पर्यटन स्थलों पर मस्ती
चांडिल के पिकनिक स्पॉट्स और पर्यटन स्थलों पर जहां लोग नए साल का जश्न मनाने पहुंचे, वहीं मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ ने भक्ति का स्वरूप लिया. बड़ी संख्या में भक्तों ने मंदिरों में जाकर नववर्ष के पहले दिन विधिपूर्वक पूजा अर्चना की. इस अवसर पर उन्होंने अपने और अपने परिवार के लिए सुख, शांति और समृद्धि की कामना की. एक श्रद्धालु ने कहा, “हम हर साल पिकनिक स्पॉट्स पर जाकर नववर्ष मनाते हैं, लेकिन इस बार 2025 के पहले दिन मंदिर में पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया है.”
पारंपरिक धार्मिक विश्वास की महत्वपूर्ण भूमिका
पुरोहितों का मानना है कि नए साल के अवसर पर पिकनिक मनाना तो ठीक है, लेकिन सनातन धर्म में मंदिरों में पूजा अर्चना करना नववर्ष की सही शुरुआत है. उनके अनुसार, यह एक पारंपरिक अनुष्ठान है, जो मानसिक और आत्मिक शांति का आह्वान करता है.
चांडिल के पर्यटन स्थल और मंदिरों में उमड़ी भीड़
नववर्ष के पहले दिन चांडिल डैम, दलमा वन्य प्राणी अभ्यारण, सतनला (डोबो) डैम और अन्य मठ मंदिरों में श्रद्धालुओं और पर्यटकों का हुजूम उमड़ पड़ा. चांडिल डैम के सुंदर दृश्य ने पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, जबकि कई लोगों ने वहां नौका विहार का आनंद लिया. दलमा में पर्यटकों ने घने जंगलों को पार करते हुए हिल टॉप तक यात्रा की और वहां से वादी और दृश्य का आनंद लिया.
मंदिरों में श्रद्धा और विश्वास की शुरुआत
नए साल की शुरुआत में कई लोग पारडीह स्थित काली मंदिर, जयदा शिव मंदिर और दलमा बुढ़ा बाबा जैसे प्रमुख मंदिरों में जाकर भगवान के समक्ष माथा टेकते हुए खुशहाली की कामना करते हैं. इन मंदिरों में भक्तों ने एक साथ मिलकर नववर्ष के मंगलमय जी
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।