उदित वाणी, रांची: नेशनल हेल्थ मिशन एनएचएम के तहत बड़े पैमाने पर नियुक्तियों में गड़बड़ियों का खुलासा हुआ है. इसी कड़ी में बताया गया कि एक ही सर्टिफिकेट पर एक ही नाम के दो व्यक्ति अलग-अलग जिले में नौकरी कर रहे हैं. राज्यपाल के निर्देश पर उनके अपर मुख्यसचिव ने पलामू डीसी को इस मामले की जांच करने का निर्देश दिया है. इसके बाद मामले की जांच पलामू के सिविल सर्जन डा अनिल कुमार सिंह से करायी जा रही है. अनिल सिंह के अनुसार बिहार के नालंदा जिला के गोविंदपुर गांव का सुबोध कुमार चौधरी है. जो छतरपुर अनुमंडलीय अस्पताल में एक्सरे तकनीशियन के पद पर कार्यरत है.
वहीं उसी नाम पते का एक अन्य व्यक्ति चतरा के टंडवा अस्पताल में एक्सरे तकनीशियन के पद पर कार्य करता है. अनिल कुमार ने छतरपुर के एक्सरे तकनीशियन सुबोध कुमार चौधरी से पूछताछ की. पूछताछ में उसने बताया कि बर्ष 2010 में उसने पलामू के साथ-साथ चतरा जिला में एक्सरे तकनीशियन के पद पर बहाल होने के लिए फार्म भरा था. इसमें पहले उसका चयन चतरा जिला में हुआ था. लेकिन उसे नियुक्ति पत्र नहीं मिला था. इसी दौरान उसका चयन पलामू जिले में एक्सरे तकनीशियन के पद पर हो गया. नियुक्ति पत्र मिलने पर उसने पलामू में योगदान दिया. लेकिन टंडवा में उसके सर्टिफिकेट पर कौन कार्य कर रहा है. इसकी जानकारी उसे नहीं है. वहीं सिविल सर्जन के अनुसार दोनों के आधार कार्ड की जांच की गई तो दोनों का नंबर अलग-अलग मिला.
छतरपुर के सुबोध का अटेंडेंस उसके आधार कार्ड र्की आइडी से बना है. जबकि टंडवा के सुबोध का अटेडेंस किसी निशांत कुमार के आधार कार्ड र्की आइडी से बना है. सिविल सर्जन के मुताबिक अबतक जांच में यह मामला सामने आया है कि दोनों सुबोध एक दूसरे से न केवल परिचित हैं. बल्कि दोनों की मिलीभगत से यह गड़बडझाला हुआ है. उन्होंने कहा कि अप्रैल माह में जांच पूरी हो जाने के बाद कार्रवाई होगी. वहीं एनएचएम के तहत नियुक्तियों में व्यापक गड़बडियां सामने आई है. बताया गया कि बिना किसी योग्यता और फर्जी सर्टिफिकेट पर बड़ी संख्या में लोगों की बहाली की गई है. शिकायतों के बाद स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने एचआर कंसल्टेंट अवनी प्रसाद के खिलाफ जांच के आदेश दिया है.
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