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उदित वाणी, रांची : झारखंड में भ्रष्टाचार के आरोप में आईएएस अधिकारियों की गिरफतारी की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है. आईएएस विनय चौबे व गजेन्द्र सिंह के पहले भी झारखंड कैडर के कई आईएएस अधिकारी जेल की हवा खा चुके हैं. जिनमें 1991 बैच के डा प्रदीप कुमार पहले आईएएस अधिकारी थे. जिन्हें जेल की सींखचों में रहना पड़ा था. उन्हें लगभग 130 करोड़ रूपये के दवा घोटाले में जेल जाना पड़ा था. इसके अलावा उन पर दो करोड़ रुपए के मनी लाउंड्रिंग का भी आरोप था. उसके बाद यह सिलसिला रांची के डीसी रहे छवि रंजन व आईएएस पूजा सिंघल तक पहुंचा.
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