उदित वाणी, रांची: रांची नगर निगम में एक आईएएस अधिकारी राजीव रंजन के पुत्र का रांची नगर निगम से तीन-तीन जन्म प्रमाण पत्र के मामले में तूल पकड़ा. प्रदेश भाजपा ने इस मामले को उठाते हुए गंभीर सवाल खड़ा किया है और इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच करने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है. पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने प्रदेश कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस में इस पूरे मामले पर सरकार से चार महत्वपूर्ण सवाल पूछा है.
उन्होंने कहा कि सरकार ने स्पष्ट किया है कि आईएएस अधिकारी राजीव रंजन के बेटे के एक जन्म प्रमाण पत्र को वैध माना गया है. जबकि अन्य दो को निरस्त कर दिया गया है. लेकिन इस मामले में पहला सवाल यह उठता है कि रांची नगर निगम ने तीन में से किस प्रमाण पत्र को वैध ठहराया और किन-किन प्रमाण पत्रों को रद्द किया तथा रद्य करने का निर्णय किस आधार पर लिया गया कि कौन सा प्रमाण पत्र असली है और कौन सा फर्जी.
वहीं दूसरा सवाल यह उठता है कि जन्म प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करते समय एक शपथपत्र दिया जाता है. यदि फर्जी शपथपत्र दिया गया था, तो क्या नगर निगम ने संबंधित आईएएस अधिकारी के खिलाफ फर्जीवाड़ा का मामला दर्ज किया है. तीसरा सवाल है कि नगर निगम के उस अधिकारी पर क्या कार्रवाई की गई. जिसने तीन अलग-अलग जन्म प्रमाण पत्र जारी किया और उन्हें सत्यापित किया. जबकि चौथा और अंतिम सवाल यह है कि जिस ऊंचे पद पर संबंधित आईएएस अधिकारी वर्तमान में कार्यरत हैं. उनके खिलाफ विभागीय स्तर पर क्या अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई.
क्या ऐसे अधिकारी के भरोसे झारखंड का पूरा वित्तविभाग चलाया जायेगा. अजय साह ने कहा कि झारखंड में कानून के राज का खुलेआम मजाक उड़ाया जा रहा है. आम जनता और बड़े अधिकारियों के लिए अलग-अलग कानून लागू किया जा रहा है. यदि ऐसा फर्जीवाड़ा किसी सामान्य व्यक्ति ने किया होता, तो क्या नगर निगम उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं करता. लेकिन यह मामला एक बड़े अधिकारी से जुड़ा है. इसलिए निगम का रवैया नरम दिखाई दे रहा है.
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