उदित वाणी: रांची: ED (प्रवर्तन निदेशालय) के समन की अवहेलना के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को रांची की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने ईडी की ओर से सोरेन को व्यक्तिगत रूप से उपस्थिति से छूट देने की दरख्वास्त को अस्वीकार कर दिया है.
याचिका पर सुनवाई और फैसला
हेमंत सोरेन ने 5 जुलाई 2024 को अदालत में याचिका दाखिल की थी. इसमें उन्होंने ईडी द्वारा लगाए गए समन अवहेलना के आरोप में अपनी व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट देने की मांग की थी. एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट के न्यायाधीश सार्थक शर्मा ने इस याचिका पर सुनवाई की और दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद 11 नवंबर को अपना आदेश सुरक्षित रखा था. अब अदालत ने याचिका खारिज करते हुए सोरेन को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए चार दिसंबर की तारीख निर्धारित की है.
समन अवहेलना और कानूनी प्रावधान
कोर्ट ने प्रथम दृष्टया माना है कि हेमंत सोरेन ने ईडी द्वारा भेजे गए समन का उल्लंघन किया है. 19 फरवरी 2024 को ईडी ने सीजेएम कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया कि जमीन घोटाले की जांच में हेमंत सोरेन को दस बार समन भेजे गए थे, लेकिन वे केवल दो बार उपस्थित हुए. यह पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) की धारा 63 और आईपीसी की धारा 174 के तहत गैरकानूनी है. इस पर 4 मार्च को कोर्ट ने संज्ञान लिया था और बाद में मामला एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया था.
समन की श्रृंखला और गिरफ्तारी
रांची के बड़गाईं अंचल से संबंधित जमीन घोटाले के मामले में ईडी ने हेमंत सोरेन को पहली बार 14 अगस्त 2023 को समन भेजा था. इसके बाद उन्हें 19 अगस्त, 1 सितंबर, 17 सितंबर, 26 सितंबर, 11 दिसंबर, 29 दिसंबर 2023, और 2024 में 13 जनवरी, 22 जनवरी, 27 जनवरी को समन भेजे गए. दसवें समन पर सोरेन से 31 जनवरी को पूछताछ की गई थी, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था.
इस मामले में अब 4 दिसंबर को होने वाली सुनवाई के बाद ही आगे की कानूनी स्थिति स्पष्ट होगी.
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