उदित वाणी, रांची: प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर झारखंड में सरकारी नौकरियों के 2 लाख 7 हजार स्वीकृत पदों को घटाने का बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है कि बिना कोई परीक्षा कराए हेमंत सोरेन युवाओं के 2 लाख 7 हजार नौकरियां खा गए. मरांडी ने सोशल मीडिया के जरिये कहा कि झारखंड में स्वीकृत पदों को घटाने का यह एक अनोखा घोटाला सामने आया है. हेमंत सरकार ने लग रहे तरह-तरह के भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद अब सरकारी विभागों के रिक्त पदों की संख्या में बड़ा घोटाला कर दिया है. पिछले दो सालों में रिक्त पदों की संख्या 4.66 लाख से घटकर महज 1.59 लाख रह गई है अर्थात बिना कोई परीक्षा कराए हेमंत सरकार युवाओं की 2 लाख 7 हजार नौकरियां खा गई.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बेरोजगार युवाओं को नौकरी देने के प्रति कितने गंभीर हैं. उसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बिना नियुक्ति दिए ही 2 लाख से अधिक रिक्त पद गायब हो गए. इस अनूठे घोटाला का जबाब ना तो हेमंत जी के पास है और ना ही अधिकारियों के पास. गौरतलब है कि विधानसभा में बजट सत्र के पहले सरकार द्वारा हर साल फिस्कल पॉलिसी स्ट्रेटजी स्टेटमेंट एंड मीडियम टर्म फिस्कल प्लान पेश की जाती है. इसमें राज्य के कर्मचारियों और अधिकारियों के स्वीकृत पदों और कार्यरत लोगों का ब्योरा दिया जाता है. इसमें बर्ष 2022 में 5.33 लाख और बर्ष 2023 में 4.66 लाख स्वीकृत पदों का विभागवार ब्योरा दिया गया था. जबकि बर्ष 2024 में पेश हुए बजट के दौरान स्वीकृत पदों की संख्या घटकर 3.27 लाख हो गई. लेकिन पदों की संख्या कैसे घटती गई, इस पर किसी भी अधिकारी ने कुछ भी नहीं बताया है.
पदों की संख्या कैसे घटी सरकार समीक्षा करेगी- वित्तमंत्री
इधर वित्तमंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि स्वीकृत पदों की संख्या कैसे घट गई, इसकी समीक्षा की जायेगी. उन्होंने कहा कि यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं था. लेकिन जो वास्तविकता है वही रहेगा. हेमंत सोरेन सरकार का वादा है कि स्वीकृत रिक्त पदों पर शीघ्र बहाली होगी. तेजी से खाली पद भरे जायेंगे.
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