उदित वाणी, जमशेदपुर: झालसा के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जमशेदपुर द्वारा 90 दिन के आउटरीच प्रोग्राम के अंतर्गत डालसा की टीम शनिवार को मोबाइल वैन के साथ पोटका प्रखंड के सारसे गांव पहुंची. इस अभियान का उद्देश्य गांव के लोगों को कानून से जुड़ी जानकारी देना था. टीम ने ग्रामीणों से मिलकर उन्हें विभिन्न कानूनी मुद्दों पर जागरूक किया.
कानूनी जानकारी से अवगत कराए गए ग्रामीण
डालसा टीम ने ग्रामीणों को साइबर क्राइम, घरेलू हिंसा, बाल विवाह, बाल श्रम, मानव तस्करी, दहेज प्रथा, डायन प्रथा जैसी समस्याओं से संबंधित कानूनों की जानकारी दी. इसके साथ ही केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में भी बताया गया. टीम ने यह भी बताया कि कैसे इन योजनाओं का लाभ ग्रामीण लोग उठा सकते हैं.
सारसे गांव की समस्याएँ
इस दौरान ग्रामीणों ने डालसा टीम से अपनी समस्याएँ साझा की. उन्होंने बताया कि सारसे गांव एक अत्यंत पिछड़ा क्षेत्र है, जहाँ अधिकांश लोग संथाल समुदाय से हैं. आजादी के बाद से इस गांव का विकास नहीं हो पाया है. यहां की सड़कें कच्ची और उबड़-खाबड़ हैं, जिसके कारण बरसात के मौसम में यहां आना-जाना बेहद कठिन हो जाता है. ग्रामीणों ने यह भी कहा कि न तो सांसद और न ही विधायक कभी इस गांव का दौरा करते हैं.
डोर टू डोर कैम्पेनिंग से जागरूकता अभियान
डालसा टीम ने रसूनचोपा पंचायत के विभिन्न गांवों में डोर टू डोर कैम्पेनिंग की. इस दौरान ग्रामीणों को उनके अधिकारों और कानूनी उपायों के बारे में बताया गया. इसके साथ ही यह भी बताया गया कि किसी भी समस्या का समाधान कैसे किया जा सकता है. टीम ने लोगों को सिविल कोर्ट स्थित डालसा कार्यालय या पोटका प्रखंड में स्थित लीगल एड क्लीनिक से संपर्क करने के लिए प्रेरित किया.
समर्थन देने वाली टीम
जागरूकता अभियान में डालसा के पीएलवी नागेन्द्र कुमार, डोवो चकिया, चयन मंडल, शंकर गोराई, माधवी कुमारी, प्रभात सिंह सरदार, छक्कु मांझी, मीरा मंडल, सुबोध प्रसाद, सुरज कुमार, अनिल कुमार शर्मा, अमरजीत और आदेशपाल दिनेश साधु उपस्थित थे.
यह अभियान पोटका के ग्रामीण इलाकों में कानूनी जागरूकता बढ़ाने और लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ.
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