उदित वाणी, जमशेदपुर: एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड सरकार राज्य के राजस्व को बढ़ाने के लिए पेट्रोलियम पदार्थों पर सेस लगाने का प्रस्ताव तैयार कर रही है. यदि यह प्रस्ताव लागू होता है, तो राज्य में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में प्रति लीटर दो से तीन रुपये की वृद्धि हो सकती है.
वित्त मंत्री का बयान
हालांकि, राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने इस मामले में गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए स्पष्ट किया कि वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है. उन्होंने कहा कि यदि भविष्य में इसके बारे में कोई जरूरत महसूस होती है, तो सरकार समय और परिस्थितियों के अनुसार निर्णय ले सकती है.
केंद्र सरकार की योजनाएं
राधाकृष्ण किशोर ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार ने हवाई जहाजों में इस्तेमाल होने वाले पेट्रोलियम पर टैक्स लगाने की योजना बनाई है. इस मुद्दे पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जैसलमेर में आयोजित GST काउंसिल बैठक के दौरान चर्चा की थी. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार इस प्रकार के किसी भी प्रस्ताव का विरोध करेगी.
विरोध की आवाजें
इस बीच, राज्य में पेट्रोल-डीजल पर सेस लगाए जाने की खबरों के बाद विरोध बढ़ने लगा है. झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 2 से 3 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी करने की तैयारी कर रही है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश के बाद अधिकारी जनता के जेब पर अतिरिक्त बोझ डालने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे रोजमर्रा की चीजों की कीमतों में वृद्धि हो सकती है.
भाजपा की प्रतिक्रिया
भा.ज.पा. प्रदेश अध्यक्ष ने इसे जनविरोधी कदम बताते हुए इस प्रस्ताव को तत्काल वापस लेने की मांग की है. उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सोशल मीडिया पर संबोधित करते हुए लिखा, “आपका यह निर्णय आम जनता के लिए नुकसानदायक साबित होगा. पहले बिजली दरों में वृद्धि का प्रस्ताव और अब पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी का संकेत यह दर्शाता है कि जनता को आपके द्वारा किए गए चुनावी वादों से छलावा हुआ है.”
आगे की राह क्या होगी?
झारखंड में पेट्रोल-डीजल पर सेस लगाने की योजना पर सरकार और विपक्ष के बीच विवाद बढ़ सकता है. इससे राज्य में जनता की प्रतिक्रिया कैसी होगी, यह देखना महत्वपूर्ण होगा.
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