उदित वाणी, पटमदा: शहीद स्मारक समिति ने भारत के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी बाबा तिलका मांझी की पुण्यतिथि धूमधाम से मनाई. समिति के सदस्यों ने पटमदा के बेलटांड़ स्थित बाबा तिलका मांझी की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें माल्यार्पण किया.
बाबा तिलका मांझी का योगदान
विश्वानाथ महतो ने इस अवसर पर कहा कि बाबा तिलका मांझी ने अंग्रेज हुकूमत के खिलाफ पहले आंदोलन का नेतृत्व किया था. उन्होंने अन्याय और गुलामी के विरुद्ध जाति-धर्म से ऊपर उठकर लोगों को एकजुट किया और आजादी के लिए जोरदार आंदोलन चलाया. महतो ने दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि दुर्भाग्यवश, इतिहास के पन्नों में बाबा तिलका मांझी के योगदान का उल्लेख नहीं मिलता.
शहीदों की गाथाओं को पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग
शहीद स्मारक समिति ने मांग की है कि झारखंड के सभी शहीदों की वीर गाथाओं को इतिहास के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए, ताकि आने वाली पीढ़ियां शहीदों के संघर्ष और बलिदान को जान सकें. इसके साथ ही, समिति ने जल, जंगल, जमीन और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए भी संकल्प लिया.
समारोह में उपस्थित लोग
इस कार्यक्रम में विश्वानाथ महतो, मुखिया ज्यामिनी बेसरा, दसरथ बेसरा, अजित रुहिदास, अजय मुर्मू, करमचांद मुर्मू, सुकदेव हेम्ब्रम, भक्तारंजन दास, श्रवण महतो, खलील अंसारी, कृतिवास महतो और धनिकलाल महतो समेत कई अन्य लोग उपस्थित थे.
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