उदित वाणी, रांची: पारसनाथ पर्वत [मरांग बुरू] पर्वत को लेकर संथाली समाज व जैन समुदाय के बीच विवाद मामले में बुधवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. जैन समुदाय के गुजरात की ज्योत संस्था द्वारा इस मामले में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. वहीं मामले में मरांग बुरू संस्थान द्वारा भी हस्तक्षेप याचिका दायर की गई है तथा हाईकोर्ट ने आदिवासियों के पक्ष को भी सुना. मामले में हाईकोर्ट ने जैन समुदाय और राज्य सरकार को 17 मार्च के पहले जबाब देने का निर्देश दिया.
इधर मरांग बुरू बचाओ और अतिक्रमण हटाओ की मांग को लेकर आदिवासी समाज द्वारा 12 मार्च को गिरिडीह के मधुवन में रैली प्रदर्शन आयोजित करने की घोषणा की गई है. आदिवासी सुमंदाय की ओर से कहा गया कि जैन समुदाय द्वारा पारसनाथ पर्वत पर मांस मदिरा के क्रय-बिक्रय पर रोक लगाने के नाम पर आदिवासियों के प्रथागत अधिकारों को समाप्त करने की साजिश के तहत हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. जिसके कारण आदिवासी समाज में भारी आक्रोश है.
आदिवासी समाज ने आरोप लगाया है कि जैन समुदाय ने आदिवासियों के धार्मिक स्थल मरांग बुरू युग जाहेर थान में अतिक्रमण किया है. मधुबन में जंगलों को साफ कर कंक्रीट का भवन, मठ-मंदिर और धर्मशाला बनाया गया है. पारसनाथ पर्वत में वृक्षों और पत्थरों को काट कर 50 से भी अधिक मंदिर वन भूमि पर बनाया गया है.
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