उदित वाणी, जमशेदपुर : आज एनसीपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता डॉ. पवन पांडेय ने झारखंड विधानसभा में सरकार द्वारा जाति आधारित जनगणना के मुद्दे पर बयान दिया. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार के परिवहन और भूमि सुधार मंत्री दीपक बिरूआ द्वारा विधायक प्रदीप यादव द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए यह स्पष्ट किया गया कि “झारखंड में जाति आधारित जनगणना का निर्णय पिछले वर्ष फरवरी में ही लिया जा चुका है.”
जाति आधारित प्रमाणपत्र का मुद्दा
हालांकि, डॉ. पवन पांडेय ने सवाल उठाया कि जब तक झारखंड में एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के लोगों को जाति आधारित प्रमाणपत्र नहीं दिए जाते, तब तक जाति आधारित जनगणना का कोई मतलब नहीं है. विशेष रूप से अल्पसंख्यक समुदाय, जैसे मुसलमान और सिख समाज के एससी और ओबीसी वर्ग के लोगों को प्रमाणपत्र जारी नहीं किए जा रहे हैं. इस स्थिति में, इन जातियों के लोग जाति आधारित जनगणना में कैसे शामिल होंगे?
सरकार को त्वरित कदम उठाने की आवश्यकता
डॉ. पांडेय ने कहा कि सरकार को सर्वप्रथम झारखंड में जाति आधारित प्रमाणपत्रों का वितरण तेज़ी से करना चाहिए ताकि संबंधित समाज के लोगों को उनका अधिकार मिल सके. जब यह सुनिश्चित हो जाएगा कि सभी जातियाँ और समाज इस प्रक्रिया में शामिल हो चुके हैं, तभी जाति आधारित जनगणना की प्रक्रिया को लागू किया जाना चाहिए.
न्याय और पारदर्शिता की आवश्यकता
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी समाज और वर्ग को न्याय मिले, और केवल तभी जाति आधारित जनगणना की प्रक्रिया सफलतापूर्वक लागू की जा सकती है.
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।