
उदित वाणी, जमशेदपुर: एमजीएम मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, जमशेदपुर के जूनियर डॉक्टरों ने झारखंड सरकार से सीनियर रेजिडेंट, जूनियर रेजिडेंट, इंटर्न और एक्सटर्न डॉक्टरों के वजीफे में वृद्धि की मांग की है। इस संबंध में ‘जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (JDA)’ के बैनर तले स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी को ज्ञापन सौंपा गया। यह ज्ञापन राज्य के स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव को संबोधित किया गया है।
कहा—महंगाई बढ़ी, वजीफा नहीं
ज्ञापन में डॉक्टरों ने स्पष्ट किया कि वर्षों से वजीफा अपरिवर्तित है जबकि जीवनयापन की लागत में भारी वृद्धि हुई है। ऐसे में मौजूदा वजीफा नाकाफी साबित हो रहा है।
जानिए डॉक्टरों की वजीफा संरचना में क्या है मांग?
सीनियर रेजिडेंट्स के लिए:
प्रथम वर्ष: ₹80,000 → ₹95,000
द्वितीय वर्ष: ₹82,500 → ₹1,02,000
तृतीय वर्ष: ₹85,000 → ₹1,10,000
जूनियर रेजिडेंट्स (अकादमिक) के लिए:
प्रथम वर्ष: ₹54,500 → ₹80,000
द्वितीय वर्ष: ₹58,500 → ₹85,000
तृतीय वर्ष: ₹63,500 → ₹90,000
जूनियर रेजिडेंट्स (नॉन-अकादमिक) के लिए:
वर्तमान वजीफा: ₹54,500 → प्रस्तावित ₹80,000
पड़ोसी राज्यों की तर्ज पर वेतन का आग्रह
JDA अध्यक्ष डॉ. गणेश कुमार श्रीवास्तव, महासचिव डॉ. जहानजेब खान और कोषाध्यक्ष डॉ. मनीष के धन के नेतृत्व में सौंपे गए ज्ञापन में झारखंड सरकार से अपील की गई कि वह पड़ोसी राज्यों में डॉक्टरों को दिए जा रहे वजीफे का तुलनात्मक अध्ययन करे और उसी आधार पर झारखंड में भी उपयुक्त वजीफा सुनिश्चित करे।
वेतन सुधार से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार संभव
डॉक्टरों का मानना है कि यदि सरकार सकारात्मक कदम उठाती है तो इससे न केवल चिकित्सकों का मनोबल बढ़ेगा, बल्कि राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में भी उल्लेखनीय सुधार आएगा। राज्यभर के रेजिडेंट डॉक्टरों की इस मांग ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है—क्या डॉक्टरों को उनकी मेहनत और सेवाओं के अनुरूप वाजिब सम्मान मिल पाएगा? डॉक्टरों की निगाहें अब राज्य सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं।
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