उदित वाणी, रांची: राज्य सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए झारखंड के सभी पुराने और जर्जर मेडिकल कॉलेज तथा अस्पताल भवनों के कायाकल्प की प्रक्रिया शुरू कर दी है. रांची स्थित रिम्स से लेकर अन्य सभी मेडिकल कॉलेज और सिविल सर्जन कार्यालयों को भवनों के समुचित निरीक्षण और कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.
‘कंडेम’ घोषित भवन होंगे ध्वस्त, मरम्मती योग्य भवनों की होगी मरम्मत
अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग अजय कुमार सिंह ने रिम्स समेत राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि जिन भवनों की स्थिति अत्यंत खराब है और जो ‘कंडेम’ घोषित किए जा सकते हैं, उन्हें शीघ्र ध्वस्त किया जाए. वहीं जिन भवनों में मरम्मत से काम चल सकता है, उनकी मरम्मति की प्रक्रिया प्रारंभ की जाए.
तीन दिनों में मांगी गई कार्रवाई रिपोर्ट
सभी संबंधित संस्थानों को कहा गया है कि वे भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता के साथ मिलकर निरीक्षण करें. निरीक्षण के उपरांत ‘कंडम’ भवनों की सूची बनाते हुए कार्रवाई शुरू की जाए.मरम्मती योग्य भवनों के लिए अभियंता से प्राक्कलन तैयार कर मरम्मति कराई जाए.
फंड की कमी नहीं, योजनाओं से मिलेगा सहयोग
मरम्मत की लागत मुख्यमंत्री चिकित्सा महाविद्यालय प्रबंधन एवं अनुरक्षण योजना, और विभिन्न स्वास्थ्य बीमा योजनाओं से प्राप्त क्लेम राशि से पूरी की जा सकती है. यदि राशि अपर्याप्त हो, तो विभाग से अतिरिक्त राशि की मांग की जा सकती है.
जमशेदपुर जैसी घटनाओं से सबक
यह निर्देश हालिया जमशेदपुर में घटित भवन दुर्घटना की पृष्ठभूमि में जारी किया गया है. अपर मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकना अत्यंत आवश्यक है. इसी उद्देश्य से तीन दिनों के भीतर निरीक्षण रिपोर्ट और कार्रवाई विवरण विभाग को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है.
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।