उदित वाणी, जमशेदपुर: झारखंड गैर सरकारी विद्यालय संघ के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद ताहिर हुसैन ने झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन को एक पत्र लिखकर झारखंड अधिविद्य परिषद, रांची के वर्तमान अध्यक्ष अनिल कुमार महतो के कार्यकाल में विद्यार्थियों और विद्यालयों को हुए नुकसान के बारे में जानकारी दी. हुसैन ने इस पत्र में परिषद के कार्यों में आई कई गंभीर विसंगतियों का जिक्र किया है.
कार्यकाल में विवाद और समस्याएं
मोहम्मद ताहिर हुसैन ने अपने पत्र में कहा कि अनिल कुमार महतो का कार्यकाल विवादों से भरा रहा है. उनके कार्यकाल के दौरान राज्य के कई विद्यालयों को उच्च न्यायालय से न्याय प्राप्त करने के लिए संघर्ष करना पड़ा. उदाहरण स्वरूप, पूर्वी सिंहभूम जिले के मॉडल उच्च विद्यालय धालभूमगढ़ के मामले का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के हस्तक्षेप से विद्यालय के 19 विद्यार्थियों को परीक्षा में बैठने का अवसर मिला. हुसैन ने यह भी आरोप लगाया कि परिषद द्वारा अनावश्यक अड़ंगे लगाने से सरकारी खजाने पर बोझ पड़ा.
परीक्षा शुल्क में अत्यधिक वृद्धि
हुसैन ने पत्र में कहा कि महतो के कार्यकाल में प्रत्येक वर्ष माध्यमिक और इंटरमीडिएट परीक्षा का पंजीयन और परीक्षा शुल्क लगातार बढ़ा दिया गया. परिणामस्वरूप, झारखंड के सरकारी और अन्य श्रेणी के विद्यालयों में पढ़ने वाले गरीब और कमजोर वर्ग के बच्चों को अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी. वर्तमान में, प्रत्येक छात्र को 1340 रुपए का शुल्क परिषद को देना पड़ता है, जबकि पड़ोसी राज्यों बिहार और बंगाल में यह शुल्क केवल 480 रुपए है.
नवीं और ग्यारहवीं कक्षा के नियम पर आपत्ति
हुसैन ने परिषद के एक और निर्णय पर भी सवाल उठाया, जिसमें नवीं या ग्यारहवीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद छात्रों को 10वीं या 12वीं की परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए तीन साल इंतजार करना पड़ता है. हुसैन ने इस निर्णय की आलोचना करते हुए इसे तुरंत संशोधित करने की अपील की.
स्वतंत्र छात्रों के पंजीकरण शुल्क में असमानता
संघ के अध्यक्ष ने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि स्वतंत्र छात्रों को नवीं या ग्यारहवीं कक्षा में पंजीकरण कराना पड़ता है, और उन्हें पांच गुना अधिक शुल्क देना पड़ता है, जो अन्य छात्रों से असमानता का कारण बनता है. उन्होंने इसे भी तुरंत संशोधित करने की आवश्यकता जताई.
उच्च विद्यालयों में घोटाले का आरोप
हुसैन ने वर्ष 2022 की परीक्षा में अनिल कुमार महतो पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि कई इंटर महाविद्यालयों और उच्च विद्यालयों से मोटी रकम लेकर महतो ने बिना 9वीं या 11वीं की परीक्षा के सीधे 12वीं और 10वीं की परीक्षा में छात्रों को बैठने की अनुमति दी. इससे छात्रों का परिणाम भी प्रकाशित किया गया, जो एक घोटाला प्रतीत होता है.
सरकार से बदलाव की अपील
हुसैन ने सरकार से अपील की कि झारखंड अधिविद्य परिषद के नियमों में त्वरित सुधार किया जाए ताकि राज्य में साक्षरता दर में वृद्धि हो और छात्रों को बेहतर शिक्षा प्राप्त हो सके. उन्होंने कहा कि झारखंड के ये नियम देश के अन्य राज्यों से अलग हैं और इन्हें जल्द ही बदलने की आवश्यकता है.
इस पत्र के माध्यम से मोहम्मद ताहिर हुसैन ने झारखंड शिक्षा परिषद की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए और राज्य सरकार से तत्काल बदलाव की मांग की है.
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।