रांची: भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की 133वीं जयंती पर झारखंड में श्रद्धांजलियों की धारा बह निकली. राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, केन्द्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी, पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, रघुवर दास और चंपाई सोरेन समेत तमाम नेताओं ने बाबा साहेब को श्रद्धा सुमन अर्पित किए और उनके विचारों को आधुनिक भारत के निर्माण की नींव बताया.
राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने साझा किया आदर्शों का संदेश
राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची स्थित डोरंडा के अंबेडकर चौक पर जाकर बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा, “बाबा साहेब का जीवन हमें आत्मसम्मान, शिक्षा और सामाजिक न्याय के लिए सतत संघर्ष की प्रेरणा देता है.”
गिरिडीह में केन्द्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने अर्पित की श्रद्धांजलि
गिरिडीह में आयोजित कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने बाबा साहेब को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “भाजपा बाबा साहेब के आदर्शों को आत्मसात कर सामाजिक न्याय की अवधारणा को धरातल पर उतारने का कार्य कर रही है.”
धनबाद में बाबूलाल मरांडी का संदेश: ‘संविधान में आस्था ही सच्ची श्रद्धांजलि’
धनबाद के अंबेडकर चौक पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा, “बाबा साहेब के विचार हमें संविधान के प्रति अटूट आस्था रखने और एक समरस, समान तथा न्यायपूर्ण समाज के निर्माण की दिशा में निरंतर प्रेरित करते हैं.”
आदित्यपुर में चंपाई सोरेन ने जताई श्रद्धा
पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने जमशेदपुर के आदित्यपुर में बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा अर्पित की. उन्होंने कहा कि “बाबा साहेब का जीवन संघर्षशील था और उन्होंने सामाजिक विषमता को खत्म करने के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित किया.”
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने एक्स-हैंडल पर किया नमन
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्ववर्ती ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा: “भारतीय संविधान के शिल्पी, समानता के पैरोकार, महान समाज सुधारक, भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की जयंती पर शत-शत नमन.”
झारखंड में अंबेडकर जयंती पर उमड़ा जनसैलाब
राज्य के विभिन्न जिलों में रैलियों, संगोष्ठियों और श्रद्धांजलि कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. हर वर्ग के लोगों ने संविधान निर्माता के प्रति आस्था व्यक्त की और उनके विचारों को आज के संदर्भ में प्रासंगिक बताया.
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