उदित वाणी, कोलाबीरा: झारखंड आवास बोर्ड अब टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी के बंगले की जांच करेगा. यह बंगला उसी भूखंड पर बना है, जिसे सरकार ने धोनी को हरमू हाउसिंग कॉलोनी के वीआईपी एरिया में गिफ्ट के तौर पर प्रदान किया था. अब यह मामला जांच के दायरे में आ गया है.
धोनी के बंगले पर बनी रही थी आकर्षण की लहर
महेन्द्र सिंह धोनी ने अपनी खेल प्रतिभा से न केवल भारत का गौरव बढ़ाया, बल्कि झारखंड को भी वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया. उनकी इन उपलब्धियों को देखते हुए सरकार ने उन्हें हरमू हाउसिंग कॉलोनी के वीआईपी एरिया में एक भूखंड गिफ्ट में दिया. धोनी ने उस भूखंड पर एक आलीशान बंगला बना लिया था, जो स्थानीय लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया था.
क्या धोनी का बंगला अब व्यावसायिक उपयोग में है?
हालांकि, अब धोनी अपने परिवार के साथ इस बंगले में नहीं रहते हैं. उन्होंने सिमलिया में एक फार्म हाउस बनाकर रहना शुरू कर दिया है, और यह जानकारी सामने आई है कि उन्होंने बंगले को किराए पर दे दिया है. इसके बाद झारखंड आवास बोर्ड सतर्क हो गया है.
बोर्ड अध्यक्ष का बयान
झारखंड आवास बोर्ड के अध्यक्ष संजय पासवान ने कहा, “अगर धोनी के इस आवासीय परिसर का व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है तो यह अनुमति नहीं दी जा सकती.” उन्होंने यह भी कहा कि मामले की जांच के बाद ही सच्चाई का पता चलेगा. यदि यह साबित होता है कि बंगले का व्यावसायिक उपयोग हो रहा है, तो धोनी को नोटिस जारी कर उनसे जवाब लिया जाएगा, और फिर आगे की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने यह साफ किया कि धोनी को गिफ्ट में मिले इस भूखंड पर बने बंगले का न तो व्यावसायिक उपयोग किया जा सकता है, न ही इसे बेचा जा सकता है.
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