उदित वाणी,बरसोल: बरसोल स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में भारतीय भाषा उत्सव का आयोजन धूमधाम से हुआ. इस वर्ष का विषय ‘भारतीय भाषाएं: पारस्परिकता और एकता का संदर्भ’ रखा गया था. कार्यक्रम में विद्यालय के छात्रों और शिक्षकों ने विभिन्न भारतीय भाषाओं के शब्दों और उनके महत्व पर चर्चा की और एक दूसरे को विभिन्न भाषाओं के शब्द सिखाए.
भाषाओं का विविधता में एकता का संदेश
गोष्ठी में छात्रों और शिक्षकों ने मंच पर आकर हिंदी, मैथिली, संथाली, कुड़ुख, मुंडारी, बांग्ला, नागपुरी, संस्कृत जैसी भाषाओं के शब्दों का आदान-प्रदान किया. इस दौरान विद्यार्थियों ने अपनी मातृभाषा के शब्दों को एक दूसरे को सिखाया, जिससे भाषा और संस्कृति की विविधता को समझने का अवसर मिला.
राष्ट्रीय एकता में भाषा की भूमिका
कार्यक्रम के उद्घाटन भाषण में विद्यालय के प्राचार्य डॉ. जनार्दन सिंह ने कहा कि इस तरह के आयोजन राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं. उन्होंने बच्चों को अपनी मातृभाषा और क्षेत्रीय भाषाओं के ज्ञान का महत्व समझाया. इसके साथ ही, उन्होंने विलुप्त होती शब्दावली और भाषाओं को बचाने के उपाय भी सुझाए.
शिक्षकों की सक्रिय भागीदारी
कार्यक्रम के सफल आयोजन में विद्यालय के सभी शिक्षक और शिक्षिकाएं सक्रिय रूप से शामिल थे. उन्होंने बच्चों के साथ मिलकर भाषाई विविधता के इस उत्सव को यादगार बनाया.
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