उदित वाणी कांड्रा: सरायकेला के प्रसिद्ध वार्षिक चैत्र पर्व 2023 का जिला प्रशासन के द्वारा शुरू कर दिया गया. जहां प्रसिद्ध राजकीय चैत्र पर्व छऊ महोत्सव को सीमित कर जिला प्रशासन द्वारा सिर्फ चैत्र पर्व के रूप में मनाए जा रही है.वहीं चैत्र पर्व के सभी धार्मिक संस्कारों को सरकार के गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए परंपरा के अनुसार मनाए जा रहे है. इस संबंध में जानकारी देते हुए राजकीय छऊ नृत्य कला केंद्र के रिटायर्ड निदेशक तपन कुमार पटनायक ने बताया कि चैत्र पर्व के दौरान परंपरा अनुसार घट पाट का आयोजन किया गया है. जिसमें परंपरा अनुसार 13 जाति के 13 भोक्ता द्वारा घट पाट परंपरा का निर्माण किया गया. चैत्र पर्व के धार्मिक अनुष्ठानों का शुभारंभ आगामी 2 अप्रैल को भैरव साल में श्री श्री भैरव पूजा के साथ किया गया हैं.
जिसके बाद 3 अप्रैल को शुभ घट का आगमन होगा. आज 4 अप्रैल को मां झुमकेस्वरी की पूजा आराधना की गई। 5 से लेकर 9 अप्रैल तक पाट भोक्ताओं द्वारा डोंडा जात्रा का आयोजन किया जाएगा. 10 अप्रैल को जात्रा घट, 11 अप्रैल को वृंदावन घट एवं 12 अप्रैल को गौरैयाभार घट का आगमन होगा. 13 अप्रैल की मध्य रात्रि कालिका घट के आगमन के साथ चैत्र पर्व का समापन किया जाएगा.
रिटायर्ड निदेशक तपन कुमार पटनायक ने बताया कि चैत्र पर्व पर छऊ नृत्य के आयोजन को लेकर राजकीय छऊ नृत्य कला केंद्र के प्रेक्षागृह में ग्रामीण छऊ नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें 3 अप्रैल को सरायकेला शैली, 4 अप्रैल को मानभूम शैली एवं 5 अप्रैल को खरसावां शैली के ग्रामीण छऊ नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा.
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