उदित वाणी, कांड्रा : District Legal Services Authority (DALSA), सरायकेला द्वारा ब्रेल लिपी दिवस के अवसर पर शनिवार को सदर अस्पताल में एक विशेष जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य दृष्टिबाधित व्यक्तियों के बीच ब्रेल लिपि के महत्व को बढ़ावा देना और उन्हें सशक्त बनाना था। कार्यक्रम झालसा, रांची के निर्देशानुसार और प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रामाशंकर सिंह के मार्गदर्शन में आयोजित हुआ।
दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए समावेश और सशक्तीकरण
डालसा के सचिव तौसीफ मिराज ने इस अवसर पर कहा कि “विश्व ब्रेल दिवस का उद्देश्य एक ऐसी दुनिया का निर्माण करना है, जहां दृष्टिबाधित व्यक्तियों को सम्मान और मान्यता मिले और उन्हें समाज के हर पहलू में शामिल किया जाए।” उन्होंने बताया कि यह दिवस हर साल 4 जनवरी को ब्रेल लिपि के आविष्कारक लुई ब्रेल के जन्मदिन पर मनाया जाता है। लुई ब्रेल ने 1809 में फ्रांस में जन्म लेकर उभरे हुए बिंदुओं की प्रणाली विकसित की, जिसे बाद में ब्रेल लिपि के रूप में मान्यता मिली।
द्विवांग सर्टिफिकेट का वितरण और सहयोग का आश्वासन
कार्यक्रम के दौरान दृष्टिबाधित व्यक्तियों को ब्रेल लिपि सीखने के लिए प्रोत्साहित किया गया। साथ ही, उन्हें आवश्यक संसाधन और सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया गया। इस अवसर पर चयनित लाभुकों को द्विवांग सर्टिफिकेट प्रदान किए गए। यह सर्टिफिकेट उनके ब्रेल कौशल की मान्यता का प्रतीक है और उन्हें स्वतंत्र जीवन जीने में मदद करेगा।
सिविल सर्जन और पारा लीगल वॉलंटियर्स की भूमिका
कार्यक्रम में सिविल सर्जन ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और दृष्टिबाधित व्यक्तियों के सशक्तीकरण की दिशा में प्रयासों की सराहना की। उन्होंने अस्पताल परिसर में आयोजित इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी कर्मचारियों, लाभुकों और पारा लीगल वॉलंटियर्स का आभार व्यक्त किया।
डोर-टू-डोर अभियान के तहत लाभुकों का चयन
डालसा द्वारा चलाए जा रहे डोर-टू-डोर कार्यक्रम के तहत चिन्हित लाभुकों को भी इस कार्यक्रम में द्विवांग सर्टिफिकेट प्रदान किए गए। कार्यक्रम में पीएलवी रामजान अंसारी, अमर सिंह सुरीन, कुमुद रंजन महतो, नुनुराम महतो सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
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