
* सीटेट को शामिल करने का आग्रह करने संबंधी एसएलपी खारिज, शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ताओं पर लगाया 5 लाख रुपए का जुर्माना
उदित वाणी, रांची : राज्य में सहायक आचार्य के 26001 पदों पर नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया. सुप्रीम कोर्ट ने नियुक्ति से जुड़े दो मामलों पर सुनवाई करते हुए अहम आदेश पारित किया. शीर्ष अदालत के जस्टिस जे के माहेश्वरी व जस्टिस अरविन्द कुमार की खंडपीठ ने मामले में परिमल कुमार एवं अन्य की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड सरकार के मुख्यसचिव एवं जेएसएससी सचिव को एक माह के अंदर लंबित सहायक आचार्य नियुक्ति परीक्षा का रिजल्ट जारी कर अदालत के समक्ष अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर अनुपालन रिपोर्ट राज्य सरकार की ओर से प्रस्तुत नहीं किया जाता है, तो संबंधित जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाएगी.
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद कुमार ठाकुर एवं अन्य की ओर से सहायक आचार्य परीक्षा में सीटेट व अन्य राज्यों से टेट पास अभ्यर्थियों को भी शामिल करने का आग्रह करनेवाली एसएलपी पर भी सुनवाई की. अदालत ने मामले में अरविंद कुमार ठाकुर एवं अन्य की दलीलों को नहीं माना और इसे समय को व्यर्थ करना बताते हुए उनकी एसएलपी खारिज कर दिया. साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ताओं पर 5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. गौरतलब है कि झारखंड हाईकोर्ट द्वारा पूर्व में ही सीटेट व दूसरे राज्यों से टेट पास अभ्यर्थियों को सहायक आचार्य नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल नहीं करने का आदेश दिया गया है. इसके बाद जेएसएससी द्वारा लगभग 40 हजार अभ्यर्थियों का आवेदन रद्य कर दिया गया है.
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