- सीटेट व दूसरे राज्यों से टेट पास अभ्यर्थियों को नियुक्ति प्रक्रिया में नहीं किया जायेगा शामिल बिशेष प्रतिनिधि
उदित वाणी, रांची: जेएसएससी द्वारा आयोजित सहायक आचार्य के 26001 पदों पर नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में अहम फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जे के माहेश्वरी और जस्टिस राजेश बिंदल की खंडपीठ ने मामले में झारखंड हाईकोर्ट द्वारा सहायक आचार्य की नियुक्ति प्रक्रिया में सीटेट व पड़ोसी राज्यों से टेट पास अभ्यर्थियों को भी शर्तों के साथ नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल करने का आदेश दिया गया था. जिससे सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दिया. शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में साफतौर पर कहा कि झारखंड हाईकोर्ट को नीतिगत निर्णय लेने का अधिकार नहीं है.
यह अधिकार केवल विधायिका के पास है. जिसके बाद अब जेएसएससी द्वारा सहायक आचार्य के 26001 पदों की नियुक्ति में सीटेट व पड़ोसी राज्य के टेट पास झारखंड के अभ्यर्थियों को शामिल नहीं किया जायेगा. सिर्फ जेटेट पास अभ्यर्थियों को ही नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल किया जायेगा. सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2024 को ही मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. इससे पूर्व शीर्ष अदालत द्वारा पिछले साल अप्रैल माह में ही झारखंड सरकार और जेएससीसी को सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बिना परीक्षा परिणाम प्रकाशित नहीं करने का अंतरिम आदेश जारी किया गया था.
गौरतलब है कि झारखंड सीटेट उत्तीर्ण अभ्यर्थी संघ द्वारा दाखिल जनहित याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट ने दिसंबर 2023 में फैसला सुनाते हुए 26001 पदों पर सहायक आचार्य की नियुक्ति परीक्षा में सीटेट पास अभ्यर्थियों एवं झारखंड के पड़ोसी राज्यों से टेट परीक्षा पास करने वाले झारखंड के निवासी अभ्यर्थियों को भी शामिल होने की अनुमति दी थी. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि अगर सीटेट अभ्यर्थियों की नियुक्ति हो जाती है, तो उन्हें तीन साल के अंदर प्रथम प्रयास में ही जेटेट परीक्षा उत्तीर्ण होना पड़ेगा. झारखंड हाईकोर्ट के इस आदेश को झारखंड टेट पास अभ्यर्थी परिमल कुमार और अन्य द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर चुनौती दी गई थी. मामले में प्रार्थी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता गोपाल शंकर नारायण, झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता अमृतांश वत्स और साहिल बलेख ने सुप्रीम कोर्ट में था कि आरटीई की धारा 23 [2] और नियम-10 के अनुसार राज्य की शिक्षक नियुक्ति में सिर्फ झारखंड से टेट पास अभ्यर्थियों को शामिल किया जाना है.
ताकि शिक्षक वहां की भाषा, संस्कृति और रीति रिवाज के अनुसार बच्चों को पढ़ा पायेंगे. झारखंड की जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा संताली, हो, कुड़ुख, मुंडारी, नागपुरी, कुरमाली, खोरठा इत्यादि का ज्ञान सिर्फ जेटेट अभ्यर्थियों के पास है. क्योंकि उन्होंने इसकी परीक्षा दी है. लेकिन सीटेट अभ्यर्थियों के पास क्षेत्रीय भाषा के रूप में हिंदी या अंग्रेजी बिषय का ही ज्ञान है. जब सीटेट शिक्षकों की नियुक्ति झारखंड के प्राथमिक स्कूलों में होगी, तो उन्हें झारखंड के स्थानीय भाषा में बच्चों को शिक्षा देने में परेशानी होगी. सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया गया था कि सहायक आचार्य नियुक्ति परीक्षा के लिए आवेदन फार्म का तिथि बंद होने के बाद झारखंड हाईकोर्ट के आदेश आलोक में नियमावली एवं उक्त परीक्षा के विज्ञापन में संशोधन किया गया. जबकि नियमानुसार एक बार विज्ञापन जारी हो जाने के बाद विज्ञापन में बदलाव का प्रावधान नहीं है. साथ ही अभ्यर्थियों की न्यूनतम अर्हता के साथ कोई छेड़छाड़ भी नहीं की जा सकती है.
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