उदित वाणी, रांची: राज्य सरकार द्वारा कॉलेजों के सहायक प्राध्यापकों के 2416 पदों पर नियुक्ति के लिए जेपीएससी को अधियाचना भेज दी गई है. इन नियुक्तियों में विभिन्न अंगीभूत कॉलेजों में कार्यरत 700 आवश्यकता आधारित शिक्षकों [नीड बेस्ड लेक्चररों] को सरकार वेटेज के साथ-साथ अधिकतम उम्रसीमा में छूट का लाभ देगी. यह वेटेज उनकी सेवा अवधि के आधार पर दिया जाएगा. उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने मंगलवार को विधानसभा में इसकी घोषणा की. परंतु विभागीय मंत्री ने आवश्यकता आधारित शिक्षकों को समायोजित करने की मांग को खारिज किया.
कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने सदन में अल्पसूचित प्रश्नकाल के माध्यम से अंगीभूत कॉलेजों में पिछले आठ बर्षों से कार्य कर रहे आवश्यकता आधारित शिक्षकों को समायोजित करने की मांग की थी. उन्होंने कहा कि उक्त शिक्षक नेट पास हैं और पीएचडी भी हैं तथा सभी आवश्यक अर्हतायें भी पूरी करते हैं. इनकी अनुबंध पर नियुक्ति पूरी प्रक्रिया के तहत की गई है. यहां तक कि आरक्षण रोस्टर का भी अनुपालन किया गया है. जिसके जबाब में विभागीय मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के अधीन कई विभागों में कर्मी अनुबंध पर कार्यरत हैं. किसी एक संवर्ग के लिए सरकार नीति में बदलाव नहीं करेगी. किसी एक संवर्ग को समायोजित करने पर दूसरे अनुबंध कर्मी भी समायोजन की मांग करेंगे.
मंत्री ने कहा कि लेकिन आवश्यकता आधारित शिक्षक अधिक आयु होने के कारण नियुक्ति से वंचित न हों इसको लेकर सरकार उनके अधिकतम आयुसीमा को क्षांत करेगी और उन्हें अधिकतम अंकों में वेटेज दी जायेगी. इस संबंध में सरकार शीघ्र ही नीतिगत फैसला लेगी. वहीं प्रदीप यादव द्वारा यह पूछे जाने पर कि जब नियुक्ति की अधियाचना जेपीएससी को भेजी जा चुकी है. ऐसे में बाद में वेटेज और आयुसीमा में छूट का प्रावधान किया जाएगा, तो मामला कोर्ट में जा सकता है. इस पर मंत्री ने कहा कि विज्ञापन जारी होने के पूर्व राज्य सरकार नियमों में बदलाव कर सकती है और उन्होंने आश्वासन दिया कि जेपीएससी द्वारा विज्ञापन जारी किए जाने से पहले ही नियमावली में इसका प्रावधान कर लिया जाएगा.
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।